बस की टक्कर से घायल मेडिकल स्टूडेंट की मौत:6 दिनों तक इंदौर में चला था इलाज; घटना को लेकर शहरवासियों में आक्रोश
बस की टक्कर से घायल मेडिकल स्टूडेंट की मौत:6 दिनों तक इंदौर में चला था इलाज; घटना को लेकर शहरवासियों में आक्रोश
देवास में 10 मार्च को जिला न्यायालय के सामने एक बेकाबू बस ने एक्टिवा को टक्कर मार दी थी। हादसे में घायल 24 वर्षीय मेडिकल स्टूडेंट की 6 दिन बाद इलाज के दौरान मौत हाे गई। घटना के बाद से ही शहरवासियों में आक्रोश है। जानकारी के अनुसार, जवाहर नगर निवासी 24 वर्षीय रीना ठाकुर अपनी स्कूटी से कहीं जा रही थी। इस दौरान जिला न्यायालय के सामने एक बेकाबू बस ने उसकी स्कूटी को टक्कर मार दी। हादसे में गंभीर रूप से घायल रीना को प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर के बॉम्बे अस्पताल रेफर किया गया। 6 दिनों तक चला इलाज एमबीबीएस की तैयारी कर रही रीना का 6 दिनों तक इलाज चला। कई समाजसेवी संगठनों और संस्थाओं ने उनके इलाज के लिए आर्थिक मदद की। लेकिन शुक्रवार रात उपचार के दौरान रीना ने दम तोड़ दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद रीना का पार्थिव शरीर देवास लाया जाएगा। यहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस घटना के बाद शहरवासियों में आक्रोश है। शहर में पहले भी तेज रफ्तार वाहनों से कई हादसे हो चुके हैं। लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन तेज रफ्तार बसों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाए।
देवास में 10 मार्च को जिला न्यायालय के सामने एक बेकाबू बस ने एक्टिवा को टक्कर मार दी थी। हादसे में घायल 24 वर्षीय मेडिकल स्टूडेंट की 6 दिन बाद इलाज के दौरान मौत हाे गई। घटना के बाद से ही शहरवासियों में आक्रोश है। जानकारी के अनुसार, जवाहर नगर निवासी 24 वर्षीय रीना ठाकुर अपनी स्कूटी से कहीं जा रही थी। इस दौरान जिला न्यायालय के सामने एक बेकाबू बस ने उसकी स्कूटी को टक्कर मार दी। हादसे में गंभीर रूप से घायल रीना को प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर के बॉम्बे अस्पताल रेफर किया गया। 6 दिनों तक चला इलाज एमबीबीएस की तैयारी कर रही रीना का 6 दिनों तक इलाज चला। कई समाजसेवी संगठनों और संस्थाओं ने उनके इलाज के लिए आर्थिक मदद की। लेकिन शुक्रवार रात उपचार के दौरान रीना ने दम तोड़ दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद रीना का पार्थिव शरीर देवास लाया जाएगा। यहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस घटना के बाद शहरवासियों में आक्रोश है। शहर में पहले भी तेज रफ्तार वाहनों से कई हादसे हो चुके हैं। लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन तेज रफ्तार बसों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाए।