श्योपुर: राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य अधीक्षक का रिश्वत मांगते VIDEO:बोले- 7 लाख आएगा तो मेरे पास डेढ़ बचेगा; ऑडियो में कहा- ग्रामीणों पर छोड़ेंगे मगरमच्छ

श्योपुर में जलीय जीवों की सुरक्षा और चंबल नदी से रेत का अवैध उत्खनन रोकने की बजाए राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग के अधीक्षक योगेंद्र पारदे अपने विभाग के कर्मचारियों को नदी के घाटों से रेत का उत्खनन करवाकर हर महीने लाखों रुपए कमाकर देने के निर्देश दे रहे हैं। अधीक्षक योगेन्द्र पारदे के रिश्वत से जुड़ी चर्चा के दो वीडियो और एक ऑडियो रविवार को सुबह सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिन्हें लोग जमकर शेयर कर रहे हैं। पहले वीडियो में चर्चा... वायरल हो रहे वीडियो कब के हैं यह स्पष्ट नहीं हो सके हैं। लेकिन इन वीडियो में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग के अधीक्षक योगेन्द्र पारदे और उनके अधीनस्थ वनकर्मी इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहे हैं। अधीक्षक पारदे वनकर्मियों से यह कहते हुए साफ सुनाई और दिखाई भी दे रहे हैं कि रेत का सारे घाटों से मिलाकर 7 लाख रुपए आएगा। तब मेरे पास डेढ़ लाख रुपए बचेगा। सबको जाएगा सीसीएफ, डीएफओ और रेंजर को सबको जाएगा, तब काम चल सकेगा। दूसरे वीडियो में चर्चा... एक और वीडियो भी है, जिसने वह बैड पर बैठकर मोबाइल को सामने लाउडस्पीकर पर रखकर किसी से बात करते हुए कह रहे है कि मैनेजमेंट है, 10 लोगों को बंटेगा, तभी में सक्सेस हो पाऊंगा। अकेले रखरख कर पैसे में सक्सेस नहीं हो पाऊंगा, न मैं बचूंगा न तुमको बचा पाऊंगा। दूसरा क्या है घाट से निकला तो गड्ढे की पूर्ति करनी पड़ेगी यानी रेत के जो गड्ढे खोदे गए उन्हें जेसीबी से बंद करना पड़ेगा, समतल करना होगा। इसके लिए जगह डिसाइड करो कि यहां से ले जाओ और उनको मूंदकर बंद करो, ये तुमको करना है में नहीं करूंगा, अभी तो पुराना समझकर कर कह रहा हूं, या तो उनको गाड़ी के जाना पड़ेगा। गड्ढा तो मूंदना पड़ेगा भाई, उसे मूंदो या फिर दूसरी जगह ले जाओ, ये कर लो भैया उससे जलालपुरा और उससे एक एक लाख रुपए की व्यवस्था कर लो, तो चलाओ भैया नहीं तो बंद कर दो। यह दोनों वीडियो में अधीक्षक योगेन्द्र पारदे जलीय जीवों के लिए संरक्षित चंबल नदी से रेत का अवैध उत्खनन कराने के एवज में माफिया से लाखों रुपए के लेनदेन की बात करते हुए दिखाई और सुनाई दे रहे हैं। वीडियो में ग्रामीणों पर मगरमच्छ छोड़ने को कहा ऑडियो में ग्रामीण दलारना गांव में मगरमच्छ घुसने की बात फोन पर अधीक्षक योगेन्द्र पारदे से कह रहा है। इस पर अधीक्षक ग्रामीण से गंदी गाली देते हुए कहता है कि तुम रेत निकाल रहे हो तो मगरमच्छ तो कहीं जाएगा न, में मगरमच्छ से तुम्हें कटवाऊंगा, 4 और मगरमच्छ छोडूंगा तुम्हें कटवाने के लिए। पहले से रिश्वखोरी में लिप्त इस बारे में पर्यावरण प्रेमी एवं समाजसेवी अजीत शर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग की अधीक्षक योगेंद्र पारदे का इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। बल्कि, वह पूर्व में भी इस तरह की रिश्वतखोरी को लेकर चर्चाओं में रहे हैं। वीडियो भी सामने आ गए फिर भी जिम्मेदार कोई एक्शन नहीं ले रहे यह तो अधिकारियों की लिप्तता को दर्शाता है। अधीक्षक रिपोर्टर से बोले-आप तो पॉजिटिव खबर लगा देना इस बारे में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग के अधीक्षक योगेंद्र पारदे का कहना है कि आप तो पॉजिटिव खबर लगा देना। आज हम बरोठा में कार्रवाई कर रहे हैं। भैया आप तो पॉजिटिव छाप दिया करो, वह वीडियो ऑडियो तो हफ्ते भर पुराना है।

श्योपुर: राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य अधीक्षक का रिश्वत मांगते VIDEO:बोले- 7 लाख आएगा तो मेरे पास डेढ़ बचेगा; ऑडियो में कहा- ग्रामीणों पर छोड़ेंगे मगरमच्छ
श्योपुर में जलीय जीवों की सुरक्षा और चंबल नदी से रेत का अवैध उत्खनन रोकने की बजाए राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग के अधीक्षक योगेंद्र पारदे अपने विभाग के कर्मचारियों को नदी के घाटों से रेत का उत्खनन करवाकर हर महीने लाखों रुपए कमाकर देने के निर्देश दे रहे हैं। अधीक्षक योगेन्द्र पारदे के रिश्वत से जुड़ी चर्चा के दो वीडियो और एक ऑडियो रविवार को सुबह सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिन्हें लोग जमकर शेयर कर रहे हैं। पहले वीडियो में चर्चा... वायरल हो रहे वीडियो कब के हैं यह स्पष्ट नहीं हो सके हैं। लेकिन इन वीडियो में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग के अधीक्षक योगेन्द्र पारदे और उनके अधीनस्थ वनकर्मी इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहे हैं। अधीक्षक पारदे वनकर्मियों से यह कहते हुए साफ सुनाई और दिखाई भी दे रहे हैं कि रेत का सारे घाटों से मिलाकर 7 लाख रुपए आएगा। तब मेरे पास डेढ़ लाख रुपए बचेगा। सबको जाएगा सीसीएफ, डीएफओ और रेंजर को सबको जाएगा, तब काम चल सकेगा। दूसरे वीडियो में चर्चा... एक और वीडियो भी है, जिसने वह बैड पर बैठकर मोबाइल को सामने लाउडस्पीकर पर रखकर किसी से बात करते हुए कह रहे है कि मैनेजमेंट है, 10 लोगों को बंटेगा, तभी में सक्सेस हो पाऊंगा। अकेले रखरख कर पैसे में सक्सेस नहीं हो पाऊंगा, न मैं बचूंगा न तुमको बचा पाऊंगा। दूसरा क्या है घाट से निकला तो गड्ढे की पूर्ति करनी पड़ेगी यानी रेत के जो गड्ढे खोदे गए उन्हें जेसीबी से बंद करना पड़ेगा, समतल करना होगा। इसके लिए जगह डिसाइड करो कि यहां से ले जाओ और उनको मूंदकर बंद करो, ये तुमको करना है में नहीं करूंगा, अभी तो पुराना समझकर कर कह रहा हूं, या तो उनको गाड़ी के जाना पड़ेगा। गड्ढा तो मूंदना पड़ेगा भाई, उसे मूंदो या फिर दूसरी जगह ले जाओ, ये कर लो भैया उससे जलालपुरा और उससे एक एक लाख रुपए की व्यवस्था कर लो, तो चलाओ भैया नहीं तो बंद कर दो। यह दोनों वीडियो में अधीक्षक योगेन्द्र पारदे जलीय जीवों के लिए संरक्षित चंबल नदी से रेत का अवैध उत्खनन कराने के एवज में माफिया से लाखों रुपए के लेनदेन की बात करते हुए दिखाई और सुनाई दे रहे हैं। वीडियो में ग्रामीणों पर मगरमच्छ छोड़ने को कहा ऑडियो में ग्रामीण दलारना गांव में मगरमच्छ घुसने की बात फोन पर अधीक्षक योगेन्द्र पारदे से कह रहा है। इस पर अधीक्षक ग्रामीण से गंदी गाली देते हुए कहता है कि तुम रेत निकाल रहे हो तो मगरमच्छ तो कहीं जाएगा न, में मगरमच्छ से तुम्हें कटवाऊंगा, 4 और मगरमच्छ छोडूंगा तुम्हें कटवाने के लिए। पहले से रिश्वखोरी में लिप्त इस बारे में पर्यावरण प्रेमी एवं समाजसेवी अजीत शर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग की अधीक्षक योगेंद्र पारदे का इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। बल्कि, वह पूर्व में भी इस तरह की रिश्वतखोरी को लेकर चर्चाओं में रहे हैं। वीडियो भी सामने आ गए फिर भी जिम्मेदार कोई एक्शन नहीं ले रहे यह तो अधिकारियों की लिप्तता को दर्शाता है। अधीक्षक रिपोर्टर से बोले-आप तो पॉजिटिव खबर लगा देना इस बारे में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग के अधीक्षक योगेंद्र पारदे का कहना है कि आप तो पॉजिटिव खबर लगा देना। आज हम बरोठा में कार्रवाई कर रहे हैं। भैया आप तो पॉजिटिव छाप दिया करो, वह वीडियो ऑडियो तो हफ्ते भर पुराना है।