केशकाल घाटी पर टनल का काम शुरू:रायपुर से 7 घंटे में विशाखापट्टनम का सफर; एक्सप्रेस-वे में 27 एनिमल क्रॉसिंग, 8 एलीफेंट ओवरब्रिज होंगे

छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के बीच भारतमाला परियोजना के तहत प्रदेश का पहला टनल बनाने का काम शुरू हो गया है। यह एक्सप्रेस-वे रायपुर को विशाखापट्टनम से जोड़ेगा। यह सुरंग केशकाल घाटी के पास गोविंदपुर और बासरवाही के बीच बन रही है। इसके बनने से न सिर्फ इन दोनों शहरों के बीच की दूरी कम होगी, बल्कि हाईटेक सड़क की वजह से जंगली जानवरों को भी कोई परेशानी नहीं होगा। यह मार्ग यात्रियों को अलग रोमांच का अनुभव कराएगी। 400 करोड़ रुपए खर्च होंगे ग्रीन सीतानदी-उदंती अभयारण्य इलाके से गुजरने के दौरान वन्य प्राणियों के आने-जाने के लिए इस पर 27 एनिमल क्रॉसिंग और 17 जगह पर मंकी कैनोपी भी तैयार किया जा रहा है। इनमें 8 एलीफेंट ओवरब्रिज होगा। छत्तीसगढ़ का पहला 2.8 किमी लंबी इस ट्विन टनल पर 400 करोड़ रुपए खर्च होंगे। टनल के दोनों छोर पर एक साथ 4 जगह से शुरू हुई खुदाई केएमवी प्रोजेक्ट लिमिटेड के सेफ्टी ऑफिसर विवेक कुमार सिंह ने बताया कि, टनल पर पहली ब्लास्टिंग 15 जुलाई तक होने की संभावना है। इस दौरान मिट्‌टी, पत्थर को धंसने से रोकने ढाई महीने में रॉक बोल्ट ड्रिलिंग यानी चट्टानों पर छड़ और प्लेट लगाकर बांधने का काम किया गया। सुरंग बनाने का लक्ष्य 18 महीने रखा है। इसलिए प्रवेश द्वार और अंतिम छोर में बाकायदा पहाड़ी के ठीक किनारे बेस कैंप भी बनाया गया है। 2.8 किमी लंबी टनल पर दोनों छोर पर एक साथ 4 जगह से खुदाई शुरू की गई। सुरंग घाटी के लगभग 45 मीटर नीचे बन रही है। छत्तीसगढ़ में 124 किमी में 6 प्रवेश द्वार इस 464 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे को 124.61 किमी छत्तीसगढ़, 262.21 किमी ओडिशा और 99.62 किमी आंध्रप्रदेश राज्य को जोड़कर बनाया जा रहा है। करीब 50% सड़क निर्माण का काम हो गया है। छत्तीसगढ़ में 6 जगह से इस एक्सप्रेस-वे में प्रवेश मिलेगा। इनमें अभनपुर में 2 राजिम और झांकी में, कुरूद के मगरलोड, धमतरी के नगरी, कांकेर के दुधावा और कोंडागांव के बड़ेराजपुर के पास 1-1 जगह पर प्रवेश दिया जाएगा। 7 घंटे में तय होगी 546 किमी की दूरी रायपुर से विशाखापट्नम की 546 किमी दूरी तय करने में अभी 12 से 13 घंटे लग रहे हैं। कॉरिडोर बनने के बाद दूरी घटकर 463 किमी होगी और समय 7 घंटे ही लगेगा। 2 2.5 किमी लंबी सुरंग बनने से बड़ी गाड़ियों को केशकाल घाटी में 12 खतरनाक और घुमावदार मोड़ में नहीं चढ़ना होगा। ट्रांसपोर्टेशन का काम आसान होगा। महानदी पर प्रदेश का पहला सिक्स-लेन पुल निर्माणाधीन इस एक्सप्रेस-वे पर धमतरी जिले के बारना-सिवनी के पास महानदी पर प्रदेश का पहला सिक्स-लेन पुल निर्माणाधीन है। जिसे बारिश के पहले तक पूरा करने का टारगेट एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने रखा है। इस पुल की लंबाई डेढ़ किमी है, जो 34 पिल्लर पर खड़ी है। जबकि महानदी पर प्रदेश का सबसे लंबा टू-लेन पुल रायगढ़ जिले के सूरजगढ़ से होकर करीब 2 किमी गुजरी है। वहीं आरंग-अभनपुर मार्ग पर करीब 42.8 किमी एक्सलेन सड़क निर्माण जारी है। इस रूट पर महानदी के ऊपर 500 मीटर लंबा फोरलेन पुल गुजरी हुई है। 124.66 किमी रास्ते पर होंगे ये निर्माण

केशकाल घाटी पर टनल का काम शुरू:रायपुर से 7 घंटे में विशाखापट्टनम का सफर; एक्सप्रेस-वे में 27 एनिमल क्रॉसिंग, 8 एलीफेंट ओवरब्रिज होंगे
छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के बीच भारतमाला परियोजना के तहत प्रदेश का पहला टनल बनाने का काम शुरू हो गया है। यह एक्सप्रेस-वे रायपुर को विशाखापट्टनम से जोड़ेगा। यह सुरंग केशकाल घाटी के पास गोविंदपुर और बासरवाही के बीच बन रही है। इसके बनने से न सिर्फ इन दोनों शहरों के बीच की दूरी कम होगी, बल्कि हाईटेक सड़क की वजह से जंगली जानवरों को भी कोई परेशानी नहीं होगा। यह मार्ग यात्रियों को अलग रोमांच का अनुभव कराएगी। 400 करोड़ रुपए खर्च होंगे ग्रीन सीतानदी-उदंती अभयारण्य इलाके से गुजरने के दौरान वन्य प्राणियों के आने-जाने के लिए इस पर 27 एनिमल क्रॉसिंग और 17 जगह पर मंकी कैनोपी भी तैयार किया जा रहा है। इनमें 8 एलीफेंट ओवरब्रिज होगा। छत्तीसगढ़ का पहला 2.8 किमी लंबी इस ट्विन टनल पर 400 करोड़ रुपए खर्च होंगे। टनल के दोनों छोर पर एक साथ 4 जगह से शुरू हुई खुदाई केएमवी प्रोजेक्ट लिमिटेड के सेफ्टी ऑफिसर विवेक कुमार सिंह ने बताया कि, टनल पर पहली ब्लास्टिंग 15 जुलाई तक होने की संभावना है। इस दौरान मिट्‌टी, पत्थर को धंसने से रोकने ढाई महीने में रॉक बोल्ट ड्रिलिंग यानी चट्टानों पर छड़ और प्लेट लगाकर बांधने का काम किया गया। सुरंग बनाने का लक्ष्य 18 महीने रखा है। इसलिए प्रवेश द्वार और अंतिम छोर में बाकायदा पहाड़ी के ठीक किनारे बेस कैंप भी बनाया गया है। 2.8 किमी लंबी टनल पर दोनों छोर पर एक साथ 4 जगह से खुदाई शुरू की गई। सुरंग घाटी के लगभग 45 मीटर नीचे बन रही है। छत्तीसगढ़ में 124 किमी में 6 प्रवेश द्वार इस 464 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे को 124.61 किमी छत्तीसगढ़, 262.21 किमी ओडिशा और 99.62 किमी आंध्रप्रदेश राज्य को जोड़कर बनाया जा रहा है। करीब 50% सड़क निर्माण का काम हो गया है। छत्तीसगढ़ में 6 जगह से इस एक्सप्रेस-वे में प्रवेश मिलेगा। इनमें अभनपुर में 2 राजिम और झांकी में, कुरूद के मगरलोड, धमतरी के नगरी, कांकेर के दुधावा और कोंडागांव के बड़ेराजपुर के पास 1-1 जगह पर प्रवेश दिया जाएगा। 7 घंटे में तय होगी 546 किमी की दूरी रायपुर से विशाखापट्नम की 546 किमी दूरी तय करने में अभी 12 से 13 घंटे लग रहे हैं। कॉरिडोर बनने के बाद दूरी घटकर 463 किमी होगी और समय 7 घंटे ही लगेगा। 2 2.5 किमी लंबी सुरंग बनने से बड़ी गाड़ियों को केशकाल घाटी में 12 खतरनाक और घुमावदार मोड़ में नहीं चढ़ना होगा। ट्रांसपोर्टेशन का काम आसान होगा। महानदी पर प्रदेश का पहला सिक्स-लेन पुल निर्माणाधीन इस एक्सप्रेस-वे पर धमतरी जिले के बारना-सिवनी के पास महानदी पर प्रदेश का पहला सिक्स-लेन पुल निर्माणाधीन है। जिसे बारिश के पहले तक पूरा करने का टारगेट एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने रखा है। इस पुल की लंबाई डेढ़ किमी है, जो 34 पिल्लर पर खड़ी है। जबकि महानदी पर प्रदेश का सबसे लंबा टू-लेन पुल रायगढ़ जिले के सूरजगढ़ से होकर करीब 2 किमी गुजरी है। वहीं आरंग-अभनपुर मार्ग पर करीब 42.8 किमी एक्सलेन सड़क निर्माण जारी है। इस रूट पर महानदी के ऊपर 500 मीटर लंबा फोरलेन पुल गुजरी हुई है। 124.66 किमी रास्ते पर होंगे ये निर्माण