प्रदेश के 19 शहरों में लागू शराबबंदी के बाद से ही मंदसौर में संचालित सभी शराब दुकानें बंद हैं। लेकिन डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के गृह जिले में प्रतिबंध के बावजूद अवैध शराब का कारोबार धडल्ले से जारी है। दैनिक भास्कर को कुछ वीडियो मिले है, जिनमें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में खुलेआम शराब बिक्री होते दिखाई दे रही है। नगर की अयोध्या बस्ती में किराने की दुकान पर महिलाएं, कालाखेत में पुरानी कलाली के पास, बस स्टैंड के पास समेत कई जगह शराब बिकती मिली, वहीं इनमें से कई जगह लोग दुकान पर बैठकर ही शराब पीते दिखे। विधायक समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरुओं और युवाओं ने इसे गलत बताते हुए बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की है। वहीं जिला आबकारी अधिकारी बीएल डांगी ने वीडियो की जांच कर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। पढ़िए यह रिपोर्ट… पशुपतिनाथ मंदिर ऐतिहासिक, 19 धार्मिक नगरों में शहर शामिल मंदसौर का पशुपतिनाथ मंदिर एक धार्मिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल है। मंदिर का इतिहास 5वीं शताब्दी से जुड़ा है। यह मंदिर शिवना नदी के तट पर स्थित है और यहाँ भगवान शिव की अष्टमुखी (आठ मुख वाली) मूर्ति है, जो दुनिया में अद्वितीय है। यहां प्रतिदिन हजारों लोग भगवान के दर्शन के लिए आते है। सावन माह में भक्तों की संख्या लाखों तक पहुंच जाती है। सरकार ने 9 नवंबर 2011 को शहर को पवित्र शहर घोषित किया था। 6 महीने पहले हो चुकी शराबबंदी दर्शन के लिए आने वाले की श्रद्धा और आस्था को देखते हुए 6 महीने पहले महेश्वर में आयोजित कैबिनेट की बैठक में प्रदेश सरकार ने मंदसौर समेत 19 शहर की सीमाओं में शराब बेचने पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद शहर की सीमा में संचालित 11 शराब दुकानें बंद कर दी गई थी। वाणिज्यिक कर मंत्री का गृह जिला बता दें कि, प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा जिले के मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। उनके पास ही वाणिज्यिक कर मंत्रालय भी है, जिसके अंतर्गत आबकारी विभाग का संचालन होता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि डिप्टी सीएम का गृह जिला होने के बावजूद यहां आसानी से जगह-जगह शराब मिल रही है। प्रतिबंध के बवजूद हो रही बिक्री स्थानीय लोगों ने बताया कि इसके बावजूद मंदसौर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में गली-गली खुलेआम शराब बिक्री हो रही हैं। पशुपतिनाथ मंदिर के आसपास ही देसी और विदेशी दोनों तरह की शराब आसानी से लोगों के लिए उपलब्ध है। स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो भी बनाया। इसमें शहर के कई क्षेत्रों में लोग दुकान पर बैठकर ही शराब पीते दिखे। जानिए नगर में कहां और कैसे हो रही शराब बिक्री अयोध्या बस्ती: किराना दुकान में बिक रही शराब
(मंदिर से दूरी लगभग 3 किलोमीटर) वीडियो में सामने आया कि अयोध्या बस्ती में एक किराना दुकान से महिलाएं शराब बेच रही हैं। कालाखेत क्षेत्र में भी पुरानी कलाली के निकट एक किराना दुकान से अवैध शराब की बिक्री हो रही है। लोग खुलेआम पैसे देकर यहां शराब खरीदते दिखे। बस स्टैंड: टेंट के नीचे बिक्री जारी
(मंदिर से दूरी डेढ़ किलोमीटर) बस स्टैंड स्थित बगीचे के समीप टेंट के नीचे और पुरानी कलाली के पास की दुकान में अवैध शराब की बिक्री हो रही है। वीडियो में लाल शर्ट पहने एक युवक बाइक सवार को सड़क पर ही पैसे लेकर देसी शराब का क्वार्टर देते दिखा। यह जगह पशुपतिनाथ मंदिर से मात्र डेढ़ किलोमीटर दूर है। अभिनंदन क्षेत्र: ढाबे पर शराब पीते दिखे लोग
(मंदिर से दूरी लगभग 3 किलोमीटर) अभिनंदन क्षेत्र में सुंदरम वाटिका मैरिज गार्डन के पीछे जंगल स्थित एक ढाबे पर न केवल अवैध शराब की बिक्री हो रही है, बल्कि लोग वहीं बैठकर शराब का सेवन भी कर रहे है। वीडियो में ढाबे के बाहर कुछ लोग दिन में ही कार के पास खड़े होकर शराब पीते दिखे। वहीं ढाबे के अंदर से शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी थी। सीतामऊ फाटक, शुक्ला चौक पर भी बिक्री
(मंदिर से दूरी लगभग 2 किलोमीटर) वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सीतामऊ फाटक क्षेत्र और ब्रिज के नीचे स्थित ढाबे पर अवैध शराब की बिक्री हो रही है। इसी तरह शुक्ला चौक में भी अवैध शराब का कारोबार चल रहा है। वीडियो में ढाबे पर एक व्यक्ति काउंटर के नीचे से शराब देते हुए दिया। रेलवे स्टेशन रोड: छिपाकर बेची जा रही शराब
(मंदिर से दूरी लगभग ढाई किलोमीटर) रेलवे स्टेशन रोड पर भी एक व्यक्ति सड़क किनारे छिपाकर रखी गई शराब की बिक्री कर रहा है। स्पष्ट है कि शराबबंदी के बावजूद शहर के लगभग हर क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार जारी है। 11 दुकानों में रोजाना बिकती थी 15 लाख की शराब बता दें कि, 6 महीने पहले शहर में शराबबंदी से पहले 11 देसी-विदेशी शराब दुकानें संचालित होती थी। जहां हर दिन करीब 15 से 20 लाख रुपए की शराब बिकती थी। दुकानें बंद होने के बाद अब शहर की सीमा से बाहर 4 शराब दुकानों का संचालन हो रहा है। ऐसे में करीब 10 से 15 लाख रुपए की शराब बिक्री हो रही है। अभी शहर की सीमा से बाहर यह 4 लाइसेंसी दुकान संचालित जानिए प्रदेश सरकार को पिछले 5 सालों में शराब से कितनी कमाई हुई- मंदसौर में प्रतिबंध के बावजूद शराब बिक्री पर लोगों की राय शहर में प्रतिबंध के बावजूद हो रही शराब बिक्री को लेकर दैनिक भास्कर ने नगर के जनप्रतिनिधी, धर्मगुरु, पुजारी और युवाओं समेत अन्य लोगों से बात की। सभी ने एकमत होकर इस प्रतिबंध का सख्ती से पालन करवाने की मांग की। जनप्रतिनिधी-धर्मगुरु बोले: शराब जहर के समान, पूर्णतः प्रतिबंध लगे मंदसौर से कांग्रेस विधायक विपिन जैन ने कहा कि शासन द्वारा मंदसौर को पवित्र नगरी घोषित किया गया है और यहां शराब बिक्री पर प्रतिबंध है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं अवैध रूप से शराब बेची जा रही है, तो शासन-प्रशासन को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। पुजारी बोले- निर्णय का पालन करे लोग पशुपतिनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी कैलाश चंद्र भट्ट ने कहा कि मंदसौर को पशुपतिनाथ मंदिर की नगरी होने के कारण शराब मुक्त किया गया है। उन्होंने सभी भक्तों और नगरवासियों से इस निर्णय का पालन करने की अपील की। पुजारी भट्ट ने कहा कि धार्मिक नगरी होने के नाते यहां शराब का सेवन वर्जित माना गया है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए। शहर काजी बोले- शराबबंदी को व्यापक स्तर पर लागू करें इसी तरह शहर काजी आसिफ उल्लाह ने नगर में शराबबंदी के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे पूरे जिले और प्रदेश में लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि शराब नई पीढ़ी के लिए जहर के समान है, जो लोगों को बर्बाद कर रही है। काजी ने प्रशासन से आग्रह किया कि इस पर सख्ती से कार्रवाई करते हुए पूर्ण रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि शहर में शराबबंदी एक सराहनीय कदम है, लेकिन इसे व्यापक स्तर पर लागू किया जाना चाहिए। भाजपा जिलाध्यक्ष बोले- मंत्री को अवगत कराएंगे वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने भगवान पशुपतिनाथ की नगरी मंदसौर को धार्मिक नगरी घोषित कर शराब पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि शराब बिक्री के सामने आए फुटेज को संज्ञान में लेकर मंत्री और सीएम को अवगत कराएंगे, ताकि शीघ्र कार्रवाई की जा सके। युवा बोले- शराब समाज के लिए घातक समाजसेविका बोलीं- गुप्त जांच कर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करे सरकार वहीं नगर के सामाजिक कार्यों में आगे रहने वाली समाजसेविका श्वेता पोरवाल ने बताया कि युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए जागरूकता अभियान, खेल और कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएं। अगर सच में मन्दसौर को ‘पवित्र शहर’ बनाना है, तो हर मोहल्ले में नशामुक्त समितियां बनाई जाएं, धार्मिक और सामाजिक संस्थानों को जोड़ा जाए। आबकारी अधिकारी ने कही कार्रवाई की बात जिला आबकारी अधिकारी बी.एल. डांगी ने कहा कि अवैध शराब बिक्री की सूचना मिलने पर विभाग कार्रवाई करता है। वीडियो साक्ष्य दिखाए जाने पर उन्होंने बताया कि स्टाफ को नियमित गश्त और कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाता है। यह खबर भी पढ़ें... एमपी के धार्मिक शहरों में शराबबंदी फेल:दतिया और ओरछा में चाय दुकान से लेकर रेस्टोरेंट तक बिक रही; बच्चे भी बेच रहे मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के 19 धार्मिक शहरों में शराब बिक्री पर रोक लगा दी है। लेकिन इन शहरों में शराब गली-गली बिकने लगी है और यह सब हो रहा है शराब बिक्री बंद होने के मात्र 15 दिन के अंदर। पढ़ें पूरी खबर
