कुबेरेश्वरधाम पर आंवला नवमी पर्व, भंडारा हुआ:पंडित प्रदीप मिश्रा बोले- सच्ची आस्था से मिलती है मन को शांति
कुबेरेश्वरधाम पर आंवला नवमी पर्व, भंडारा हुआ:पंडित प्रदीप मिश्रा बोले- सच्ची आस्था से मिलती है मन को शांति
सीहोर स्थित कुबेरेश्वरधाम पर आंवला नवमी का पर्व हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था और उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में विठलेश सेवा समिति ने हजारों श्रद्धालुओं को निःशुल्क प्रसादी वितरित की। शाम को बाबा की आरती का भी आयोजन किया गया। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि महादेव की पूजा और भक्ति सच्ची आस्था के साथ करने से मन को शांति मिलती है। उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति भ्रम या संकट में होता है और उसे कोई रास्ता नहीं सूझता, तो भगवान शिव में विश्वास रखने से समाधान मिल सकता है। शिव भक्तों के रास्ते कभी बंद नहीं होते और जीवन की कठिनाइयों से पार पाने का मार्ग प्रशस्त होता है। आंवला नवमी के पावन अवसर पर एक भव्य भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। पंडित मिश्रा ने अपने प्रवचन में आगे कहा कि मनुष्य में जब तक श्रद्धा और विश्वास नहीं होगा, तब तक उसे अपनी आत्मा में विराजमान परमात्मा भी दिखाई नहीं पड़ेगा। भगवान आस्था का प्रतीक हैं, जिसका उदाहरण भक्त ध्रुव और प्रहलाद हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही भगवान के दर्शन कर लिए थे। पंडित मिश्रा ने जोर दिया कि भगवान की करुणा और आस्था ही व्यक्ति को उसकी मंजिल तक पहुंचा सकती है, और जो प्राणी स्वयं को पूरी तरह प्रभु के चरणों में समर्पित कर देता है, उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। देखिए तस्वीरें...
सीहोर स्थित कुबेरेश्वरधाम पर आंवला नवमी का पर्व हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था और उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में विठलेश सेवा समिति ने हजारों श्रद्धालुओं को निःशुल्क प्रसादी वितरित की। शाम को बाबा की आरती का भी आयोजन किया गया। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि महादेव की पूजा और भक्ति सच्ची आस्था के साथ करने से मन को शांति मिलती है। उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति भ्रम या संकट में होता है और उसे कोई रास्ता नहीं सूझता, तो भगवान शिव में विश्वास रखने से समाधान मिल सकता है। शिव भक्तों के रास्ते कभी बंद नहीं होते और जीवन की कठिनाइयों से पार पाने का मार्ग प्रशस्त होता है। आंवला नवमी के पावन अवसर पर एक भव्य भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। पंडित मिश्रा ने अपने प्रवचन में आगे कहा कि मनुष्य में जब तक श्रद्धा और विश्वास नहीं होगा, तब तक उसे अपनी आत्मा में विराजमान परमात्मा भी दिखाई नहीं पड़ेगा। भगवान आस्था का प्रतीक हैं, जिसका उदाहरण भक्त ध्रुव और प्रहलाद हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही भगवान के दर्शन कर लिए थे। पंडित मिश्रा ने जोर दिया कि भगवान की करुणा और आस्था ही व्यक्ति को उसकी मंजिल तक पहुंचा सकती है, और जो प्राणी स्वयं को पूरी तरह प्रभु के चरणों में समर्पित कर देता है, उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। देखिए तस्वीरें...