सपा प्रदेशाध्यक्ष बोले- नोटबंदी की तरह एसआईआर का फैसला हुआ:विपक्षी दलों के बूथ लेवल एजेंट ही नहीं बने; SIR की निगरानी कौन करेगा
सपा प्रदेशाध्यक्ष बोले- नोटबंदी की तरह एसआईआर का फैसला हुआ:विपक्षी दलों के बूथ लेवल एजेंट ही नहीं बने; SIR की निगरानी कौन करेगा
एमपी सहित 12 राज्यों में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) शुरू हो गया है। इस एसआईआर को लेकर विपक्षी दल चुनाव आयोग और भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। मध्य प्रदेश समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.मनोज यादव ने एसआईआर को नोटबंदी की तरह लागू करने वाला निर्णय बताया है। 50 लाख वोटर्स के नाम बिहार में काट दिए भोपाल में सपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने कहा- मतदाताओं को संविधान के आधार पर जो वोट डालने का अधिकार मिला हुआ है। भाजपा और चुनाव आयोग इसकी अनदेखी कर रहे हैं। बिहार में चुनाव आयोग ने एसआईआर दादागिरी से शुरू किया। विरोध के बावजूद लगभग 50 लाख मतदाताओं के नाम काट दिए। 10 लाख माताओं बहनों के नाम काट दिए। हमारे देश में आधी आबादी महिलाओं की है। गरीबों के नाम कटेंगे तो लोकतंत्र कहां रहेगा
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- माताएं बहनें बाहर रहतीं हैं आपने समय कम दिया है। उनके जो बच्चे बाहर रहते हैं उनके अगर नाम काट देंगे तो लोकतंत्र कहां रहेगा? इसमें आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्ग के और गरीब सामान्य वर्ग के वो लोग जो रोजी-रोटी की तलाश में प्रदेश से बाहर जाते हैं। और ऐसे लोगों के नाम कट जाते हैं जिससे वोट डालने के अधिकार से उनको वंचित कर दिया जाता है तो ये सरकार संविधान को खत्म करके पैसे वालों और उद्योगपतियों के हाथ में सत्ता की चाभी देना चाहती है। इसका समाजवादी पार्टी विरोध करती है। वोट चोरी के डेटा की स्टडी कर रहे थे विपक्षी दल
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- जिन 12 राज्यों में वोटर लिस्ट को फ्रीज किया उनमें से 9 राज्यों में बीजेपी की सरकार है तो क्या आपने वोट चोरी करके सरकार बनाई। क्योंकि विपक्ष के लोग वोटर लिस्ट का डेटा निकालकर उसकी स्टडी कर रहे थे। कि आपने वोटर लिस्ट में कहां गड़बड़ियां की हैं ये एसआईआर क्या इसलिए कराई जा रही है कि लोग विधानसभा वार वोटर लिस्ट की स्टडी न कर पाएं, आपने कहां वोट चोरी किए। इसीलिए आपने फ्रीज कर दिया। इन 12 राज्यों में अभी कहां चुनाव हैं। बिहार चुनाव के बीच नोटबंदी की तरह निर्णय हुआ
मनोज यादव ने कहा- अभी बिहार में चुनाव का महत्वपूर्ण समय चल रहा है। चुनाव आयोग ने अचानक ऐसे घोषणा की है जैसे नोटबंदी की घोषणा की थी। नोटबंदी से देश का कितना नुकसान हुआ था। आर्थिक नुकसान हुआ, जनहानि हुई, इलाज नहीं करा पाए, कई लोग बच्चों की अच्छे से शादियां नहीं कर पाए। इसी तरह नोट बंदी के दुष्परिणाम पूरे देश ने देखे। चुनाव आयोग ने दो साल में नहीं दिया जवाब
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- अब चुनाव आयोग को वोटर लिस्ट फ्रीज करने की क्या जल्दी पड़ी थी? क्या आपको ये ड़र था कि आपने जो चोरी की है वो पकड़ी जाएगी। कहीं न कहीं चुनाव आयोग की साख पर सवाल है। समाजवादी पार्टी ने 18 हजार एफिडेविट दो साल पहले दिए हुए हैं आज तक आपने उसका जवाब तक नहीं दिया। सपा की मांग है कि 51 करोड़ मतदाताओं के एसआईआर का तालिबानी फरमान तो जारी कर दिया लेकिन ये 30 दिन में कैसे होगा? जो लोग बाहर नौकरियां कर रहे हैं वो कैसे आएंगे? हमारी मांग है इस प्रक्रिया के लिए समय दिया जाए और समय सीमा को बढ़ाया जाए। सपा ने कहा हमारे बीएलए नियुक्त नहीं हो पाए
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- भाजपा ने जो विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया है। तो बूथ पर एजेंट बनाने का काम अभी हमारा हुआ ही नहीं हैं। जब हमारे बीएलए नियुक्त हो जाएंगे तब चेक कर पाएंगे कि आपके एसआईआर करने वाले कर्मचारी सही काम कर रहे हैं या नहीं? इस प्रक्रिया के लिए और आगे बढ़ाकर कम से कम 6 महीने में पूरा किया जाना चाहिए। एसआईआर को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई मनोज यादव ने कहा- चुनाव आयोग ने स्थानीय अधिकारियों ने कोई चर्चा नहीं की। नोटबंदी में जैसे घोषणा हुई थी कि आज राज 12 बजे से नोट बंद किए जाते हैं। ऐसे ही घोषणा कर दी कि आज से वोटर लिस्ट फ्रीज की जाती है ये कहीं न कहीं इनकी मंशा और शंका दोनों पर सवाल है। अब तक लोग कहा करते थे कि सीबीआई सरकार का तोता होता है। अब दिख रहा है कि चुनाव आयोग को सरकार का तोता बना दिया है। इससे ज्यादा कमजोर चुनाव आयोग हमने कभी नहीं देखा। इसके लिए समय दिया जाना चाहिए और ये एसआईआर पूरी होने के बाद बूथ लेवल एजेंट के साइन कराने चाहिए।
एमपी सहित 12 राज्यों में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) शुरू हो गया है। इस एसआईआर को लेकर विपक्षी दल चुनाव आयोग और भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। मध्य प्रदेश समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.मनोज यादव ने एसआईआर को नोटबंदी की तरह लागू करने वाला निर्णय बताया है। 50 लाख वोटर्स के नाम बिहार में काट दिए भोपाल में सपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने कहा- मतदाताओं को संविधान के आधार पर जो वोट डालने का अधिकार मिला हुआ है। भाजपा और चुनाव आयोग इसकी अनदेखी कर रहे हैं। बिहार में चुनाव आयोग ने एसआईआर दादागिरी से शुरू किया। विरोध के बावजूद लगभग 50 लाख मतदाताओं के नाम काट दिए। 10 लाख माताओं बहनों के नाम काट दिए। हमारे देश में आधी आबादी महिलाओं की है। गरीबों के नाम कटेंगे तो लोकतंत्र कहां रहेगा
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- माताएं बहनें बाहर रहतीं हैं आपने समय कम दिया है। उनके जो बच्चे बाहर रहते हैं उनके अगर नाम काट देंगे तो लोकतंत्र कहां रहेगा? इसमें आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्ग के और गरीब सामान्य वर्ग के वो लोग जो रोजी-रोटी की तलाश में प्रदेश से बाहर जाते हैं। और ऐसे लोगों के नाम कट जाते हैं जिससे वोट डालने के अधिकार से उनको वंचित कर दिया जाता है तो ये सरकार संविधान को खत्म करके पैसे वालों और उद्योगपतियों के हाथ में सत्ता की चाभी देना चाहती है। इसका समाजवादी पार्टी विरोध करती है। वोट चोरी के डेटा की स्टडी कर रहे थे विपक्षी दल
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- जिन 12 राज्यों में वोटर लिस्ट को फ्रीज किया उनमें से 9 राज्यों में बीजेपी की सरकार है तो क्या आपने वोट चोरी करके सरकार बनाई। क्योंकि विपक्ष के लोग वोटर लिस्ट का डेटा निकालकर उसकी स्टडी कर रहे थे। कि आपने वोटर लिस्ट में कहां गड़बड़ियां की हैं ये एसआईआर क्या इसलिए कराई जा रही है कि लोग विधानसभा वार वोटर लिस्ट की स्टडी न कर पाएं, आपने कहां वोट चोरी किए। इसीलिए आपने फ्रीज कर दिया। इन 12 राज्यों में अभी कहां चुनाव हैं। बिहार चुनाव के बीच नोटबंदी की तरह निर्णय हुआ
मनोज यादव ने कहा- अभी बिहार में चुनाव का महत्वपूर्ण समय चल रहा है। चुनाव आयोग ने अचानक ऐसे घोषणा की है जैसे नोटबंदी की घोषणा की थी। नोटबंदी से देश का कितना नुकसान हुआ था। आर्थिक नुकसान हुआ, जनहानि हुई, इलाज नहीं करा पाए, कई लोग बच्चों की अच्छे से शादियां नहीं कर पाए। इसी तरह नोट बंदी के दुष्परिणाम पूरे देश ने देखे। चुनाव आयोग ने दो साल में नहीं दिया जवाब
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- अब चुनाव आयोग को वोटर लिस्ट फ्रीज करने की क्या जल्दी पड़ी थी? क्या आपको ये ड़र था कि आपने जो चोरी की है वो पकड़ी जाएगी। कहीं न कहीं चुनाव आयोग की साख पर सवाल है। समाजवादी पार्टी ने 18 हजार एफिडेविट दो साल पहले दिए हुए हैं आज तक आपने उसका जवाब तक नहीं दिया। सपा की मांग है कि 51 करोड़ मतदाताओं के एसआईआर का तालिबानी फरमान तो जारी कर दिया लेकिन ये 30 दिन में कैसे होगा? जो लोग बाहर नौकरियां कर रहे हैं वो कैसे आएंगे? हमारी मांग है इस प्रक्रिया के लिए समय दिया जाए और समय सीमा को बढ़ाया जाए। सपा ने कहा हमारे बीएलए नियुक्त नहीं हो पाए
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- भाजपा ने जो विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया है। तो बूथ पर एजेंट बनाने का काम अभी हमारा हुआ ही नहीं हैं। जब हमारे बीएलए नियुक्त हो जाएंगे तब चेक कर पाएंगे कि आपके एसआईआर करने वाले कर्मचारी सही काम कर रहे हैं या नहीं? इस प्रक्रिया के लिए और आगे बढ़ाकर कम से कम 6 महीने में पूरा किया जाना चाहिए। एसआईआर को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई मनोज यादव ने कहा- चुनाव आयोग ने स्थानीय अधिकारियों ने कोई चर्चा नहीं की। नोटबंदी में जैसे घोषणा हुई थी कि आज राज 12 बजे से नोट बंद किए जाते हैं। ऐसे ही घोषणा कर दी कि आज से वोटर लिस्ट फ्रीज की जाती है ये कहीं न कहीं इनकी मंशा और शंका दोनों पर सवाल है। अब तक लोग कहा करते थे कि सीबीआई सरकार का तोता होता है। अब दिख रहा है कि चुनाव आयोग को सरकार का तोता बना दिया है। इससे ज्यादा कमजोर चुनाव आयोग हमने कभी नहीं देखा। इसके लिए समय दिया जाना चाहिए और ये एसआईआर पूरी होने के बाद बूथ लेवल एजेंट के साइन कराने चाहिए।