चोरों की गोली से मोनू की मौत का मामला:मौत के बाद वीरता पुरस्कार और मुआवजे की मांग उठी

चंदौली के दुधारी गांव में चोरों की गोली से मृत हुए मोनू कुमार को वीरता पुरस्कार देने की मांग उठने लग हैं। क्योंकि मोनू गोली से घायल होने के बाद भी एक चोर को दबोचे रखा। जिसे बाद में ग्रामीणों ने पुलिस के हवाले कर दिया। लेकिन ज्यादा रक्त निकलने के चलते मोनू अस्पताल जाते वक्त दम तोड़ दिया। इसको लेकर बसपा के जिलाध्यक्ष घनश्याम प्रधान ने पुलिस के अधिकारियों से मांग किया है कि मोनू कुमार को मरणोमरांत वीरता पुरस्कार के लिए नामित किया जाय। इसके अलावा उन्होंने मोनू के भूमिहीन माता-पिता को जमीन आवंटन करने और 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग किया हैं। उन्होंने कहा कि मोनू बहादुर मां का बहादुर बेटा, जो काम पुलिस नहीं कर पाई, इसने मरते दम तक अपने बहादुरी का परिचय दिया और अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि सिर्फ़ एससी. समाज होने के नाते, प्रशासन के लोग गुमराह करना चाह रहे थे। पुलिस के लोग चोरी की घटना को मारपीट दिखाना चाह रहे थे। जो काम पुलिस प्रशासन को करना चाहिए, मोनू ने चोर को लड़ते हुए अपने बहादुरी का परिचय देते हुए गोली खाया हैं, उसके बावजूद भी चोर को पकड़ लिया। ऐसे वीर सपूत को, बहादुर मां के बेटे पर बहुजन समाज पार्टी उसकी मृत्यु पर दुख प्रकट करती है और उसकी बहादुरी को सलाम करती है। उन्होने जिला प्रशासन से मांग किया कि जिला प्रशासन के लोग उसे बहादुरी का प्रशासनिक पुरस्कार देने का काम करें, यह बहुजन समाज पार्टी की मांग है। मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में 50 लाख का मुआवजा देने का मांग किया। चेताया कि अगर प्रशासन के लोग ऐसा नहीं करेंगे, तो बहुजन समाज पार्टी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ने के लिए खड़ी है।

चोरों की गोली से मोनू की मौत का मामला:मौत के बाद वीरता पुरस्कार और मुआवजे की मांग उठी
चंदौली के दुधारी गांव में चोरों की गोली से मृत हुए मोनू कुमार को वीरता पुरस्कार देने की मांग उठने लग हैं। क्योंकि मोनू गोली से घायल होने के बाद भी एक चोर को दबोचे रखा। जिसे बाद में ग्रामीणों ने पुलिस के हवाले कर दिया। लेकिन ज्यादा रक्त निकलने के चलते मोनू अस्पताल जाते वक्त दम तोड़ दिया। इसको लेकर बसपा के जिलाध्यक्ष घनश्याम प्रधान ने पुलिस के अधिकारियों से मांग किया है कि मोनू कुमार को मरणोमरांत वीरता पुरस्कार के लिए नामित किया जाय। इसके अलावा उन्होंने मोनू के भूमिहीन माता-पिता को जमीन आवंटन करने और 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग किया हैं। उन्होंने कहा कि मोनू बहादुर मां का बहादुर बेटा, जो काम पुलिस नहीं कर पाई, इसने मरते दम तक अपने बहादुरी का परिचय दिया और अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि सिर्फ़ एससी. समाज होने के नाते, प्रशासन के लोग गुमराह करना चाह रहे थे। पुलिस के लोग चोरी की घटना को मारपीट दिखाना चाह रहे थे। जो काम पुलिस प्रशासन को करना चाहिए, मोनू ने चोर को लड़ते हुए अपने बहादुरी का परिचय देते हुए गोली खाया हैं, उसके बावजूद भी चोर को पकड़ लिया। ऐसे वीर सपूत को, बहादुर मां के बेटे पर बहुजन समाज पार्टी उसकी मृत्यु पर दुख प्रकट करती है और उसकी बहादुरी को सलाम करती है। उन्होने जिला प्रशासन से मांग किया कि जिला प्रशासन के लोग उसे बहादुरी का प्रशासनिक पुरस्कार देने का काम करें, यह बहुजन समाज पार्टी की मांग है। मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में 50 लाख का मुआवजा देने का मांग किया। चेताया कि अगर प्रशासन के लोग ऐसा नहीं करेंगे, तो बहुजन समाज पार्टी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ने के लिए खड़ी है।