हरदा नगर पालिका कर्मचारियों को 2 माह से वेतन नहीं:सीएमओ को ज्ञापन सौंपकर समय पर भुगतान की मांग, आंदोलन की चेतावनी दी
हरदा नगर पालिका कर्मचारियों को 2 माह से वेतन नहीं:सीएमओ को ज्ञापन सौंपकर समय पर भुगतान की मांग, आंदोलन की चेतावनी दी
हरदा नगर पालिका के कर्मचारियों ने दो माह से वेतन नहीं मिलने पर आक्रोश जताया है। सोमवार को जमना जैसानी फाउंडेशन के नेतृत्व में कर्मचारियों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) को ज्ञापन सौंपा। इसमें मांग की गई कि सभी कर्मचारियों को हर माह की 1 से 10 तारीख के बीच अनिवार्य रूप से वेतन का भुगतान किया जाए। कर्मचारियों ने बताया कि नवंबर माह का वेतन अब तक नहीं मिला है। कर्मचारियों का कहना है कि समय पर वेतन न मिलने के कारण वे बैंक लोन की किश्तें, बच्चों की स्कूल फीस और घरेलू खर्चों का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। लगातार देरी से वेतन मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। मजदूर नेता बोले- नियमों का हो रहा उल्लंघन मजदूर नेता अनिल वैद्य ने कहा कि कर्मचारी पूरी निष्ठा से समय पर कार्यालय पहुंचकर अपना कार्य कर रहे हैं, इसके बावजूद उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। यह शासन के नियमों का सीधा उल्लंघन है। शासन के निर्देशों के अनुसार कर्मचारियों का वेतन हर माह की पहली तारीख को अनिवार्य रूप से दिया जाना चाहिए। टिमरनी में समय पर वेतन, हरदा में क्यों नहीं: फाउंडेशन जमना जैसानी फाउंडेशन के शांति कुमार जैसानी ने सवाल उठाया कि पास की टिमरनी नगर पालिका में कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल रहा है, तो हरदा में ऐसी स्थिति क्यों बनी हुई है। उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारी निर्धारित 8 घंटे से अधिक समय तक काम करते हैं, इसके बावजूद उनका वेतन कम है और भुगतान में देरी से जीवन-यापन कठिन हो गया है। समय पर वेतन नहीं मिला तो उग्र आंदोलन की चेतावनी कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि आगामी माह से उन्हें समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। सीएमओ बोले- हर माह 1.40 करोड़ की जरूरत, वसूली नहीं हो पाई दूसरी ओर नगर पालिका सीएमओ कमलेश पाटीदार का कहना है कि कर्मचारियों को हर महीने समय पर वेतन दिया जाता है। उन्होंने बताया कि नगर पालिका को कर्मचारियों के वेतन के लिए हर महीने करीब 1 करोड़ 40 लाख रुपए की आवश्यकता होती है। इसमें से 70 लाख रुपए चुंगी के रूप में शासन स्तर से प्राप्त होते हैं, शेष राशि कर वसूली से जुटानी पड़ती है। एसआईआर सर्वे ड्यूटी के कारण कर वसूली प्रभावित सीएमओ पाटीदार ने बताया कि कर्मचारियों को एसआईआर सर्वे में ड्यूटी पर लगाया गया था, जिसके कारण कर वसूली नहीं हो पाई। नगर पालिका पर करोड़ों रुपए का कर बकाया है। यदि कर्मचारी कर वसूली में सहयोग करेंगे, तो उन्हें समय पर वेतन का भुगतान किया जाएगा। ज्ञापन में कर्मचारियों ने रखीं ये प्रमुख मांगें
हरदा नगर पालिका के कर्मचारियों ने दो माह से वेतन नहीं मिलने पर आक्रोश जताया है। सोमवार को जमना जैसानी फाउंडेशन के नेतृत्व में कर्मचारियों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) को ज्ञापन सौंपा। इसमें मांग की गई कि सभी कर्मचारियों को हर माह की 1 से 10 तारीख के बीच अनिवार्य रूप से वेतन का भुगतान किया जाए। कर्मचारियों ने बताया कि नवंबर माह का वेतन अब तक नहीं मिला है। कर्मचारियों का कहना है कि समय पर वेतन न मिलने के कारण वे बैंक लोन की किश्तें, बच्चों की स्कूल फीस और घरेलू खर्चों का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। लगातार देरी से वेतन मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। मजदूर नेता बोले- नियमों का हो रहा उल्लंघन मजदूर नेता अनिल वैद्य ने कहा कि कर्मचारी पूरी निष्ठा से समय पर कार्यालय पहुंचकर अपना कार्य कर रहे हैं, इसके बावजूद उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। यह शासन के नियमों का सीधा उल्लंघन है। शासन के निर्देशों के अनुसार कर्मचारियों का वेतन हर माह की पहली तारीख को अनिवार्य रूप से दिया जाना चाहिए। टिमरनी में समय पर वेतन, हरदा में क्यों नहीं: फाउंडेशन जमना जैसानी फाउंडेशन के शांति कुमार जैसानी ने सवाल उठाया कि पास की टिमरनी नगर पालिका में कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल रहा है, तो हरदा में ऐसी स्थिति क्यों बनी हुई है। उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारी निर्धारित 8 घंटे से अधिक समय तक काम करते हैं, इसके बावजूद उनका वेतन कम है और भुगतान में देरी से जीवन-यापन कठिन हो गया है। समय पर वेतन नहीं मिला तो उग्र आंदोलन की चेतावनी कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि आगामी माह से उन्हें समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। सीएमओ बोले- हर माह 1.40 करोड़ की जरूरत, वसूली नहीं हो पाई दूसरी ओर नगर पालिका सीएमओ कमलेश पाटीदार का कहना है कि कर्मचारियों को हर महीने समय पर वेतन दिया जाता है। उन्होंने बताया कि नगर पालिका को कर्मचारियों के वेतन के लिए हर महीने करीब 1 करोड़ 40 लाख रुपए की आवश्यकता होती है। इसमें से 70 लाख रुपए चुंगी के रूप में शासन स्तर से प्राप्त होते हैं, शेष राशि कर वसूली से जुटानी पड़ती है। एसआईआर सर्वे ड्यूटी के कारण कर वसूली प्रभावित सीएमओ पाटीदार ने बताया कि कर्मचारियों को एसआईआर सर्वे में ड्यूटी पर लगाया गया था, जिसके कारण कर वसूली नहीं हो पाई। नगर पालिका पर करोड़ों रुपए का कर बकाया है। यदि कर्मचारी कर वसूली में सहयोग करेंगे, तो उन्हें समय पर वेतन का भुगतान किया जाएगा। ज्ञापन में कर्मचारियों ने रखीं ये प्रमुख मांगें