महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया:2 की मौत, 2 वेंटिलेटर पर; 7वें महीने में डिलीवरी, एक का वजन सिर्फ 380 ग्राम
महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया:2 की मौत, 2 वेंटिलेटर पर; 7वें महीने में डिलीवरी, एक का वजन सिर्फ 380 ग्राम
छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को एक गर्भवती महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया। गर्भावस्था के सातवें महीने में हुई इस प्री-मैच्योर डिलीवरी के बाद चारों नवजातों की हालत नाजुक थी। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन अफसोस की बात यह रही कि दो बच्चों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। फिलहाल बाकी दो बच्चे जिला अस्पताल के एसएनसीयू में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। जुन्नारदेव से रेफर, रास्ते में तोड़ा दम जुन्नारदेव के ग्राम रोराढ़ेकनी माल निवासी गुन्नो (पति जगर सिंह) को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार को जुन्नारदेव अस्पताल लाया गया था। हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टर्स ने वहीं डिलीवरी कराने का फैसला लिया। बीएमओ डॉ. सुरेश नागवंशी और डॉ. रोमा मूलचंदानी की टीम ने सुरक्षित प्रसव कराया। बच्चों और मां को 108 एंबुलेंस से छिंदवाड़ा रेफर किया गया, लेकिन जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही दो नवजातों की मौत हो गई। डॉक्टर बोले- वजन बेहद कम, स्थिति नाजुक जिला अस्पताल के एसएनसीयू प्रभारी डॉ. अंशुल लाम्बा ने बताया कि बच्चों का वजन सामान्य से बहुत कम है, इसलिए स्थिति गंभीर बनी हुई है। रास्ते में दम तोड़ने वाले दो बच्चों का वजन क्रमशः 580 ग्राम और 600 ग्राम था। अस्पताल में भर्ती एक बच्चे का वजन महज 380 ग्राम और दूसरे (बच्ची) का वजन 700 ग्राम है। दोनों वेंटिलेटर पर हैं और डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी कर रही है। जोखिम ज्यादा था, इसलिए वहीं कराई डिलीवरी परिजनों के अनुसार, महिला की हालत इतनी नाजुक थी कि उसे सीधे जिला अस्पताल ले जाना जोखिम भरा था। इसलिए जुन्नारदेव में ही सीनियर नर्स पूजा सोनी, मोनिका दास और सुषमा आहके की मदद से डिलीवरी कराई गई।
छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को एक गर्भवती महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया। गर्भावस्था के सातवें महीने में हुई इस प्री-मैच्योर डिलीवरी के बाद चारों नवजातों की हालत नाजुक थी। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन अफसोस की बात यह रही कि दो बच्चों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। फिलहाल बाकी दो बच्चे जिला अस्पताल के एसएनसीयू में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। जुन्नारदेव से रेफर, रास्ते में तोड़ा दम जुन्नारदेव के ग्राम रोराढ़ेकनी माल निवासी गुन्नो (पति जगर सिंह) को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार को जुन्नारदेव अस्पताल लाया गया था। हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टर्स ने वहीं डिलीवरी कराने का फैसला लिया। बीएमओ डॉ. सुरेश नागवंशी और डॉ. रोमा मूलचंदानी की टीम ने सुरक्षित प्रसव कराया। बच्चों और मां को 108 एंबुलेंस से छिंदवाड़ा रेफर किया गया, लेकिन जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही दो नवजातों की मौत हो गई। डॉक्टर बोले- वजन बेहद कम, स्थिति नाजुक जिला अस्पताल के एसएनसीयू प्रभारी डॉ. अंशुल लाम्बा ने बताया कि बच्चों का वजन सामान्य से बहुत कम है, इसलिए स्थिति गंभीर बनी हुई है। रास्ते में दम तोड़ने वाले दो बच्चों का वजन क्रमशः 580 ग्राम और 600 ग्राम था। अस्पताल में भर्ती एक बच्चे का वजन महज 380 ग्राम और दूसरे (बच्ची) का वजन 700 ग्राम है। दोनों वेंटिलेटर पर हैं और डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी कर रही है। जोखिम ज्यादा था, इसलिए वहीं कराई डिलीवरी परिजनों के अनुसार, महिला की हालत इतनी नाजुक थी कि उसे सीधे जिला अस्पताल ले जाना जोखिम भरा था। इसलिए जुन्नारदेव में ही सीनियर नर्स पूजा सोनी, मोनिका दास और सुषमा आहके की मदद से डिलीवरी कराई गई।