दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग पहुंचा सागर:33 फीट ऊंचा, 210 टन वजन; 100 पहियों वाले ट्रक पर 5 की स्पीड से सफर

दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग सोमवार देर शाम सागर जिले की सीमा में पहुंचा। सिवनी से होते हुए नेशनल हाईवे-44 के रास्ते जैसे ही यह विशालकाय शिवलिंग महाराजपुर और देवरी पहुंचा, भक्तों की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। देर रात यह काफिला कंटनी मंदिर के पास रुका। इस शिवलिंग को तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के चंपारण ले जाया जा रहा है। इस महाकाय शिवलिंग के परिवहन के लिए करीब 100 चक्का वाले विशेष ट्रक का उपयोग किया जा रहा है। शिवलिंग का वजन इतना ज्यादा है कि ट्रक महज 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है। यह यात्रा 22 नवंबर को महाबलीपुरम से शुरू हुई थी। एक महीने बाद यह सागर पहुंची है। बिहार पहुंचने में अभी करीब 20 दिन और लगेंगे। ब्लैक ग्रेनाइट से बना, फरवरी में होगी स्थापना चालक दल के आलोक सिंह ने बताया कि शिवलिंग का वजन 210 टन (2 लाख 10 हजार किलो) है। इसे चेन्नई के पास करीब 250 टन वजन की ब्लैक ग्रेनाइट चट्टान को तराशकर बनाया गया है। इसकी ऊंचाई और गोलाई दोनों 33-33 फीट है। इसे बिहार के चंपारण में निर्माणाधीन 'विराट रामायण मंदिर' में स्थापित किया जाएगा। मंदिर के मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट रहेगी। स्थापना फरवरी माह में प्रस्तावित है। ड्राइवर बोला- पुल पर लगता है डर, भोलेनाथ ही सहारा आलोक सिंह ने बताया, "इस शिवलिंग को ले जाना मेरा सौभाग्य है, लेकिन यह चुनौती भरा काम है। 210 टन वजन होने के कारण रास्ते में पड़ने वाले पुल-पुलिया पर डर बना रहता है। तमिलनाडु से सुरक्षित सागर आ गए हैं, आगे भी भोलेनाथ ही मंदिर तक पहुंचाएंगे।"

दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग पहुंचा सागर:33 फीट ऊंचा, 210 टन वजन; 100 पहियों वाले ट्रक पर 5 की स्पीड से सफर
दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग सोमवार देर शाम सागर जिले की सीमा में पहुंचा। सिवनी से होते हुए नेशनल हाईवे-44 के रास्ते जैसे ही यह विशालकाय शिवलिंग महाराजपुर और देवरी पहुंचा, भक्तों की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। देर रात यह काफिला कंटनी मंदिर के पास रुका। इस शिवलिंग को तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के चंपारण ले जाया जा रहा है। इस महाकाय शिवलिंग के परिवहन के लिए करीब 100 चक्का वाले विशेष ट्रक का उपयोग किया जा रहा है। शिवलिंग का वजन इतना ज्यादा है कि ट्रक महज 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है। यह यात्रा 22 नवंबर को महाबलीपुरम से शुरू हुई थी। एक महीने बाद यह सागर पहुंची है। बिहार पहुंचने में अभी करीब 20 दिन और लगेंगे। ब्लैक ग्रेनाइट से बना, फरवरी में होगी स्थापना चालक दल के आलोक सिंह ने बताया कि शिवलिंग का वजन 210 टन (2 लाख 10 हजार किलो) है। इसे चेन्नई के पास करीब 250 टन वजन की ब्लैक ग्रेनाइट चट्टान को तराशकर बनाया गया है। इसकी ऊंचाई और गोलाई दोनों 33-33 फीट है। इसे बिहार के चंपारण में निर्माणाधीन 'विराट रामायण मंदिर' में स्थापित किया जाएगा। मंदिर के मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट रहेगी। स्थापना फरवरी माह में प्रस्तावित है। ड्राइवर बोला- पुल पर लगता है डर, भोलेनाथ ही सहारा आलोक सिंह ने बताया, "इस शिवलिंग को ले जाना मेरा सौभाग्य है, लेकिन यह चुनौती भरा काम है। 210 टन वजन होने के कारण रास्ते में पड़ने वाले पुल-पुलिया पर डर बना रहता है। तमिलनाडु से सुरक्षित सागर आ गए हैं, आगे भी भोलेनाथ ही मंदिर तक पहुंचाएंगे।"