सोनभद्र में TET शिक्षामित्रों का प्रदर्शन:नियमितीकरण और समानता का अधिकार की मांग, ADM को सौंपा ज्ञापन
सोनभद्र में TET शिक्षामित्रों का प्रदर्शन:नियमितीकरण और समानता का अधिकार की मांग, ADM को सौंपा ज्ञापन
सोनभद्र के कलेक्ट्रेट में टीईटी पास शिक्षामित्र ने शुक्रवार को नियमितिकरण की मांग को लेकर अपर जिलाधिकारी सहदेव मिश्रा को ज्ञापन सौपा। टीईटी और सीटीईटी पास शिक्षामित्र का कहना था कि वह 2001 से परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं लेकिन उन्हें नियमित नहीं किया गया,जबकि उत्तराखंड में वर्ष 2000 में नियुक्त शिक्षा मित्र जो कि टीईटी पास है नियमावली बनाकर उनका नियमितीकरण कर दिया गया ,शिक्षामित्रों कहना था कि उन्हें भी उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा नियमावली बनाकर उत्तराखंड के शिक्षामित्र की तरह समानता का अधिकार प्रदान करें और उन्हें नियमित करें। इस संबंध में शिक्षामित्रों के जिला संरक्षक जवाहरलाल बिंद और प्रदेश कोषाध्यक्ष पवन कुमार बिंद ने अन्य शिक्षामित्र के साथ एडीएम को ज्ञापन सौंपा। शिक्षामित्र के जिला संरक्षक जवाहरलाल बिंद ने कहा कि हम 2001 से उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं और संतोषजनक शिक्षण कार्य कर रहे हैं इसके अलावा एनसीटीई द्वारा निर्धारित योग्यता परीक्षा जैसे टीईटी और सीटेट परीक्षा भी पास भी कर चुके हैं और सभी योग्यताएं पूर्ण करते हैं लेकिन हमें नियमित नहीं किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र शासनादेश वर्ष 1999 द्वारा चयनित हुए थे इसके बाद नवंबर 2000 में उत्तराखंड राज्य का निर्माण हो गया इस समय शिक्षामित्र बने अध्यापक अब नियमित कर दिए गए हैं उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश भारत के ही दो राज्य हैं के इसलिए हमें भी उत्तराखंड के शिक्षकों की तरह नियमित किया जाए और समानता का अधिकार प्रदान किया जाए।
सोनभद्र के कलेक्ट्रेट में टीईटी पास शिक्षामित्र ने शुक्रवार को नियमितिकरण की मांग को लेकर अपर जिलाधिकारी सहदेव मिश्रा को ज्ञापन सौपा। टीईटी और सीटीईटी पास शिक्षामित्र का कहना था कि वह 2001 से परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं लेकिन उन्हें नियमित नहीं किया गया,जबकि उत्तराखंड में वर्ष 2000 में नियुक्त शिक्षा मित्र जो कि टीईटी पास है नियमावली बनाकर उनका नियमितीकरण कर दिया गया ,शिक्षामित्रों कहना था कि उन्हें भी उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा नियमावली बनाकर उत्तराखंड के शिक्षामित्र की तरह समानता का अधिकार प्रदान करें और उन्हें नियमित करें। इस संबंध में शिक्षामित्रों के जिला संरक्षक जवाहरलाल बिंद और प्रदेश कोषाध्यक्ष पवन कुमार बिंद ने अन्य शिक्षामित्र के साथ एडीएम को ज्ञापन सौंपा। शिक्षामित्र के जिला संरक्षक जवाहरलाल बिंद ने कहा कि हम 2001 से उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं और संतोषजनक शिक्षण कार्य कर रहे हैं इसके अलावा एनसीटीई द्वारा निर्धारित योग्यता परीक्षा जैसे टीईटी और सीटेट परीक्षा भी पास भी कर चुके हैं और सभी योग्यताएं पूर्ण करते हैं लेकिन हमें नियमित नहीं किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र शासनादेश वर्ष 1999 द्वारा चयनित हुए थे इसके बाद नवंबर 2000 में उत्तराखंड राज्य का निर्माण हो गया इस समय शिक्षामित्र बने अध्यापक अब नियमित कर दिए गए हैं उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश भारत के ही दो राज्य हैं के इसलिए हमें भी उत्तराखंड के शिक्षकों की तरह नियमित किया जाए और समानता का अधिकार प्रदान किया जाए।