जबलपुर में हत्यारे दमाद को उम्रकैद की सजा:सरेराह गांव की सड़क पर की थी हत्या; अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा

जबलपुर जिला अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने ससुर के हत्या करने वाले दामाद को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामला जून 2020 का कुंडम थाना के ग्राम भैंसावाही का है। यहां ससुर और दामाद के बीच जमकर विवाद हुआ था। जिसके बाद दामाद उम्मेद सिंह ने ससुर की धारदार हथियार से सरेराह हत्या कर मौके से फरार हो गया था। घटना की सूचना के बाद पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शी मृतिका की बेटी की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी थी। कुछ ही घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। न्यायालय संजोग सिंह अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने सजा सुनाई है। हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपी को 3000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। ये था घटनाक्रम 3 जून 2020 को मृतक बुजुर्ग की बेटी ममता बाई ने रिपोर्ट करते हुए बताया कि पिता बहादुर सिंह परस्ते उसे साथ में ले जाने के लिए आए थे। रात को पति उम्मेद सिंह मार्को का पिता बहादुर सिंह परस्ते से विवाद होने लगा। बाद में मामला शांत भी हो गया। रात करीब 11 बजे घर में पूजा हुई फिर खाना खाकर पति घर से बाहर गांव में घूमने चले गए। पिताजी जी इस दौरान सो गए। रात करीब 2 बजे पति उम्मेद सिंह घर लौटे। उन्होंने पापा को जगाया और कहा कि मेरी पत्नी का कल लेकर मत जाना। इस पर पिताजी ने कहा कि मैं लेकर जाऊंगा। इतना सुनते ही दोनों का विवाद होने लगा। रात को ही उम्मेद सिंह ने बहादुर सिंह को घर से बाहर कर दिया। पापा घर से बाहर चले गए। इस बीच दौड़कर पति घर से बाहर निकले और जरूआटोला गांव की सड़क में जाकर धारदार हाथियार से हत्या कर दी। पीछे-पीछे बहादुर सिंह की बेटी भी आ गई और पति से कहा कि जितना मारना है, मार ले पर जान से मत मारो। इस पर उम्मेद सिंह ने कहा कि तू यहां से हट जा नहीं तो तेरा भी मर्डर कर दूंगा। कुछ ही देर बाद शोर सुनकर जरूआटोला गांव के ग्रामीण आ गए। वह धक्का देकर गांव से जंगल तरफ भाग गया। ममता ने अपने भाई सुखदेव को फोन कर सारी घटना बताई। सरपंच पति ने 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को बुलाया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में प्रस्तुत वैज्ञानिक साक्ष्य, मौखिक साक्ष्य के संबंध में अभियोजन द्वारा लिखित अंतिम तर्क प्रस्तुत कर आरोपी के विरूद्ध मामला पूर्णता सिद्ध होने के संबंध में तर्क प्रस्तुत किए गए।

जबलपुर में हत्यारे दमाद को उम्रकैद की सजा:सरेराह गांव की सड़क पर की थी हत्या; अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा
जबलपुर जिला अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने ससुर के हत्या करने वाले दामाद को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामला जून 2020 का कुंडम थाना के ग्राम भैंसावाही का है। यहां ससुर और दामाद के बीच जमकर विवाद हुआ था। जिसके बाद दामाद उम्मेद सिंह ने ससुर की धारदार हथियार से सरेराह हत्या कर मौके से फरार हो गया था। घटना की सूचना के बाद पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शी मृतिका की बेटी की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी थी। कुछ ही घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। न्यायालय संजोग सिंह अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने सजा सुनाई है। हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपी को 3000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। ये था घटनाक्रम 3 जून 2020 को मृतक बुजुर्ग की बेटी ममता बाई ने रिपोर्ट करते हुए बताया कि पिता बहादुर सिंह परस्ते उसे साथ में ले जाने के लिए आए थे। रात को पति उम्मेद सिंह मार्को का पिता बहादुर सिंह परस्ते से विवाद होने लगा। बाद में मामला शांत भी हो गया। रात करीब 11 बजे घर में पूजा हुई फिर खाना खाकर पति घर से बाहर गांव में घूमने चले गए। पिताजी जी इस दौरान सो गए। रात करीब 2 बजे पति उम्मेद सिंह घर लौटे। उन्होंने पापा को जगाया और कहा कि मेरी पत्नी का कल लेकर मत जाना। इस पर पिताजी ने कहा कि मैं लेकर जाऊंगा। इतना सुनते ही दोनों का विवाद होने लगा। रात को ही उम्मेद सिंह ने बहादुर सिंह को घर से बाहर कर दिया। पापा घर से बाहर चले गए। इस बीच दौड़कर पति घर से बाहर निकले और जरूआटोला गांव की सड़क में जाकर धारदार हाथियार से हत्या कर दी। पीछे-पीछे बहादुर सिंह की बेटी भी आ गई और पति से कहा कि जितना मारना है, मार ले पर जान से मत मारो। इस पर उम्मेद सिंह ने कहा कि तू यहां से हट जा नहीं तो तेरा भी मर्डर कर दूंगा। कुछ ही देर बाद शोर सुनकर जरूआटोला गांव के ग्रामीण आ गए। वह धक्का देकर गांव से जंगल तरफ भाग गया। ममता ने अपने भाई सुखदेव को फोन कर सारी घटना बताई। सरपंच पति ने 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को बुलाया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में प्रस्तुत वैज्ञानिक साक्ष्य, मौखिक साक्ष्य के संबंध में अभियोजन द्वारा लिखित अंतिम तर्क प्रस्तुत कर आरोपी के विरूद्ध मामला पूर्णता सिद्ध होने के संबंध में तर्क प्रस्तुत किए गए।