190 साल पुराने चर्च में मनाया गया क्रिसमस:1834 में बनाई गई थी सीहोर की ये चर्च; 1860 में हुई थी पहली प्रार्थना

क्रिसमस के मौके पर आज सीहोर स्थित चर्च को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। चर्च के अंदर और बाहर साज-सज्जा की गई है। चर्च के फादर जितेंद्र ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी क्रिसमस पर्व के अवसर पर क्रिसमस के दिन प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय उपस्थित रहा। उन्होंने बताया कि क्रिसमस पर्व को लेकर कई दिनों से तैयारी चल रही थी। चर्च के पैस्टर ने बताया कि ये चर्च डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा पुराना है। 188 साल पुराने इस चर्च के निर्माण में करीब 27 साल लगे थे। ऑलसेंट्स चर्च का निर्माण सन् 1834 में अंग्रेजी हुकुमत के पहले पॉलिटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसबार्न ने अपने भाई की याद में बनवाया था। बताते हैं कि1869 में लन्दन के अखबार में इसका फोटो भी प्रकाशित हुआ था। चर्च में पहली बार 1860 में प्रार्थना की गई इस चर्च में पहली बार 1860 में प्रार्थना की गई थी। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस पर यहां विशेष आयोजन होते हैं। यह चर्च स्काटलैंड में बने चर्च को देख कर बनवाया गया था। इस तरह का चर्च अब भी स्काटलैंड में होना बताया जाता है। इस चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए हैं जिससे हरियाली से भरपूर वातावरण मिल सके। चर्च की दीवारें लाल पत्थर से बनाई गई हैं। नक्काशी भी स्कॉटलेंड चर्च की तरह की की गई है। बताया जाता है कि 1818 में भोपाल रियासत अंग्रेजी हुकूमत के कब्जे में आ गई और करीब छह साल बाद अंग्रेजी हुकूमत ने यहां सैनिक छावनी बनाई। इसके बाद 1834 में पहले पॉलीटिकल एजेंट के रूप में जेडब्ल्यू ओसवार्न को सीहोर आया उसी ने ये चर्च बनवाया। इसे भोपाल रियासत का पहला चर्च बताया जाता है। इस चर्च में भोपाल और उसके आसपास रहने वाले अंग्रेज अधिकारी अक्सर प्रार्थना के लिए आया करते थे।

190 साल पुराने चर्च में मनाया गया क्रिसमस:1834 में बनाई गई थी सीहोर की ये चर्च; 1860 में हुई थी पहली प्रार्थना
क्रिसमस के मौके पर आज सीहोर स्थित चर्च को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। चर्च के अंदर और बाहर साज-सज्जा की गई है। चर्च के फादर जितेंद्र ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी क्रिसमस पर्व के अवसर पर क्रिसमस के दिन प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय उपस्थित रहा। उन्होंने बताया कि क्रिसमस पर्व को लेकर कई दिनों से तैयारी चल रही थी। चर्च के पैस्टर ने बताया कि ये चर्च डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा पुराना है। 188 साल पुराने इस चर्च के निर्माण में करीब 27 साल लगे थे। ऑलसेंट्स चर्च का निर्माण सन् 1834 में अंग्रेजी हुकुमत के पहले पॉलिटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसबार्न ने अपने भाई की याद में बनवाया था। बताते हैं कि1869 में लन्दन के अखबार में इसका फोटो भी प्रकाशित हुआ था। चर्च में पहली बार 1860 में प्रार्थना की गई इस चर्च में पहली बार 1860 में प्रार्थना की गई थी। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस पर यहां विशेष आयोजन होते हैं। यह चर्च स्काटलैंड में बने चर्च को देख कर बनवाया गया था। इस तरह का चर्च अब भी स्काटलैंड में होना बताया जाता है। इस चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए हैं जिससे हरियाली से भरपूर वातावरण मिल सके। चर्च की दीवारें लाल पत्थर से बनाई गई हैं। नक्काशी भी स्कॉटलेंड चर्च की तरह की की गई है। बताया जाता है कि 1818 में भोपाल रियासत अंग्रेजी हुकूमत के कब्जे में आ गई और करीब छह साल बाद अंग्रेजी हुकूमत ने यहां सैनिक छावनी बनाई। इसके बाद 1834 में पहले पॉलीटिकल एजेंट के रूप में जेडब्ल्यू ओसवार्न को सीहोर आया उसी ने ये चर्च बनवाया। इसे भोपाल रियासत का पहला चर्च बताया जाता है। इस चर्च में भोपाल और उसके आसपास रहने वाले अंग्रेज अधिकारी अक्सर प्रार्थना के लिए आया करते थे।