निर्माणाधीन बिल्डिंग में हादसा, सिर के पार हुआ सरिया:मजदूर की इलाज के दौरान मौत, परिवार ने जेवर तक बेच दिए

शहर के सराफा क्षेत्र में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में काम के दौरान संतुलन बिगड़ने से एक कारीगर एक माह पहले गंभीर रूप से घायल हो गया था। उपचार के लिए लाखों रुपये खर्च करने और एक महीने तक अस्पतालों में इलाज चलने के बाद मंगलवार को उसकी मौत हो गई। इलाज के लिए परिवार ने जेवर तक बेच दिए। सराफा पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और निर्माण स्थल पर लापरवाही की आशंका के चलते जांच शुरू कर दी है। निर्माण कार्य के दौरान 6 अप्रैल को विष्णु (45) पिता मोहनलाल वर्मा लिफ्ट के लिए बनाए जा रहे गड्ढे (गाले) में गिर गए थे। गिरने के दौरान एक सरिया उनकी गर्दन के पास से शरीर में घुसते हुए सिर के पार निकल गया था, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। इलाज के लिए बेचने पड़े जेवर परिवार के अनुसार, हादसे के तुरंत बाद उन्हें यूनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चार दिन उपचार चला। इसके बाद विष्णु को खंडवा रोड स्थित कौशल्या अस्पताल में शिफ्ट किया गया। इलाज के दौरान लगभग 12 लाख रुपए का खर्च आया, जिसे पूरा करने के लिए परिवार को अपने जेवर तक बेचने पड़े। कमाने वाला ही चला गया अंतिम दिनों में आर्थिक स्थिति बिगड़ने के कारण उन्हें एमवाय अस्पताल लाया गया, जहां सर्जरी के बाद 24 घंटे के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया। मंगलवार रात करीब 1 बजे विष्णु की मृत्यु हो गई। विष्णु अपने पीछे पत्नी, 11 साल का बेटा और 6 साल की बेटी छोड़ गया है। वे ही परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे।

May 8, 2025 - 09:22
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निर्माणाधीन बिल्डिंग में हादसा, सिर के पार हुआ सरिया:मजदूर की इलाज के दौरान मौत, परिवार ने जेवर तक बेच दिए
शहर के सराफा क्षेत्र में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में काम के दौरान संतुलन बिगड़ने से एक कारीगर एक माह पहले गंभीर रूप से घायल हो गया था। उपचार के लिए लाखों रुपये खर्च करने और एक महीने तक अस्पतालों में इलाज चलने के बाद मंगलवार को उसकी मौत हो गई। इलाज के लिए परिवार ने जेवर तक बेच दिए। सराफा पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और निर्माण स्थल पर लापरवाही की आशंका के चलते जांच शुरू कर दी है। निर्माण कार्य के दौरान 6 अप्रैल को विष्णु (45) पिता मोहनलाल वर्मा लिफ्ट के लिए बनाए जा रहे गड्ढे (गाले) में गिर गए थे। गिरने के दौरान एक सरिया उनकी गर्दन के पास से शरीर में घुसते हुए सिर के पार निकल गया था, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। इलाज के लिए बेचने पड़े जेवर परिवार के अनुसार, हादसे के तुरंत बाद उन्हें यूनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चार दिन उपचार चला। इसके बाद विष्णु को खंडवा रोड स्थित कौशल्या अस्पताल में शिफ्ट किया गया। इलाज के दौरान लगभग 12 लाख रुपए का खर्च आया, जिसे पूरा करने के लिए परिवार को अपने जेवर तक बेचने पड़े। कमाने वाला ही चला गया अंतिम दिनों में आर्थिक स्थिति बिगड़ने के कारण उन्हें एमवाय अस्पताल लाया गया, जहां सर्जरी के बाद 24 घंटे के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया। मंगलवार रात करीब 1 बजे विष्णु की मृत्यु हो गई। विष्णु अपने पीछे पत्नी, 11 साल का बेटा और 6 साल की बेटी छोड़ गया है। वे ही परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे।