GATE भर्ती पर रोक की मांग, सांसद को दिया ज्ञापन:भिंड में अतिथि विद्वानों बोले- 40 साल से पढ़ा रहे, अब नियमितीकरण कराओ

भिंड में बुधवार को पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वान संघ के सदस्यों ने भिंड-दतिया सांसद संध्या राय को ज्ञापन सौंपा। अतिथि विद्वानों की मुख्य मांग थी कि सरकार गेट (GATE) परीक्षा के जरिए नई भर्ती की प्रक्रिया रोकें और वर्षों से कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं को नियमित किया जाए। दर्जनों अतिथि विद्वानों ने उठाई आवाज ज्ञापन देने पहुंचे अतिथि विद्वानों का नेतृत्व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुधीर शर्मा ने किया। उन्होंने सांसद को बताया कि प्रदेश के 69 पॉलिटेक्निक कॉलेजों और 5 इंजीनियरिंग संस्थानों में हजारों अतिथि व्याख्याता लंबे समय से सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से कई शिक्षक 10 से 40 वर्षों तक लगातार पढ़ा रहे हैं और अब सेवानिवृत्ति की उम्र के करीब पहुंच चुके हैं। अतिथि विद्वानों ने यह भी बताया कि अधिकांश शिक्षकों के पास एमटेक और पीएचडी जैसी उच्च योग्यताएं हैं, फिर भी उन्हें न तो नियमित किया गया है और न ही 12 माह का स्थायी वेतन दिया जा रहा है। गेट के जरिए भर्ती पर जताया विरोध सुधीर शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अतिथि विद्वानों को ₹50,000 प्रतिमाह वेतन देने का प्रस्ताव पहले कैबिनेट को भेजा था। लेकिन अब सरकार ने गेट परीक्षा के माध्यम से भर्ती कराने का फैसला लिया है, जिसे अतिथि विद्वान अन्यायपूर्ण मान रहे हैं। उन्होंने बताया कि इंदौर हाईकोर्ट पहले ही गेट आधारित भर्ती पर स्थगन आदेश दे चुका है, और मामला विचाराधीन है। ऐसे में सरकार का यह कदम उचित नहीं है। सांसद ने दिया आश्वासन ज्ञापन लेने के बाद सांसद संध्या राय ने अतिथि विद्वानों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को उचित मंच तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विषय की गंभीरता को समझते हुए वे जल्द ही इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाएंगी। अतिथि विद्वानों ने जताई पीड़ा इस दौरान सुधीर शर्मा ने कहा कि “हम लंबे समय से विभाग में सेवाएं दे रहे हैं, अब सरकार को हमें नियमित कर न्याय करना चाहिए।” डॉ. प्राची बाजपेई ने कहा, “नियमितीकरण से ही हम पूरी निष्ठा से शिक्षण कार्य कर सकेंगे।” वहीं प्रियंका पचौरी ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, “हमारे साथ लगातार अन्याय हो रहा है, सरकार को अब कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।”

Oct 1, 2025 - 16:28
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GATE भर्ती पर रोक की मांग, सांसद को दिया ज्ञापन:भिंड में अतिथि विद्वानों बोले- 40 साल से पढ़ा रहे, अब नियमितीकरण कराओ
भिंड में बुधवार को पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वान संघ के सदस्यों ने भिंड-दतिया सांसद संध्या राय को ज्ञापन सौंपा। अतिथि विद्वानों की मुख्य मांग थी कि सरकार गेट (GATE) परीक्षा के जरिए नई भर्ती की प्रक्रिया रोकें और वर्षों से कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं को नियमित किया जाए। दर्जनों अतिथि विद्वानों ने उठाई आवाज ज्ञापन देने पहुंचे अतिथि विद्वानों का नेतृत्व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुधीर शर्मा ने किया। उन्होंने सांसद को बताया कि प्रदेश के 69 पॉलिटेक्निक कॉलेजों और 5 इंजीनियरिंग संस्थानों में हजारों अतिथि व्याख्याता लंबे समय से सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से कई शिक्षक 10 से 40 वर्षों तक लगातार पढ़ा रहे हैं और अब सेवानिवृत्ति की उम्र के करीब पहुंच चुके हैं। अतिथि विद्वानों ने यह भी बताया कि अधिकांश शिक्षकों के पास एमटेक और पीएचडी जैसी उच्च योग्यताएं हैं, फिर भी उन्हें न तो नियमित किया गया है और न ही 12 माह का स्थायी वेतन दिया जा रहा है। गेट के जरिए भर्ती पर जताया विरोध सुधीर शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अतिथि विद्वानों को ₹50,000 प्रतिमाह वेतन देने का प्रस्ताव पहले कैबिनेट को भेजा था। लेकिन अब सरकार ने गेट परीक्षा के माध्यम से भर्ती कराने का फैसला लिया है, जिसे अतिथि विद्वान अन्यायपूर्ण मान रहे हैं। उन्होंने बताया कि इंदौर हाईकोर्ट पहले ही गेट आधारित भर्ती पर स्थगन आदेश दे चुका है, और मामला विचाराधीन है। ऐसे में सरकार का यह कदम उचित नहीं है। सांसद ने दिया आश्वासन ज्ञापन लेने के बाद सांसद संध्या राय ने अतिथि विद्वानों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को उचित मंच तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विषय की गंभीरता को समझते हुए वे जल्द ही इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाएंगी। अतिथि विद्वानों ने जताई पीड़ा इस दौरान सुधीर शर्मा ने कहा कि “हम लंबे समय से विभाग में सेवाएं दे रहे हैं, अब सरकार को हमें नियमित कर न्याय करना चाहिए।” डॉ. प्राची बाजपेई ने कहा, “नियमितीकरण से ही हम पूरी निष्ठा से शिक्षण कार्य कर सकेंगे।” वहीं प्रियंका पचौरी ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, “हमारे साथ लगातार अन्याय हो रहा है, सरकार को अब कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।”