सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में सीटें घटने से छात्राओं का प्रदर्शन:22 में से सिर्फ 8 कॉलेज चॉइस फिलिंग में, सीटें बढ़ाने की मांग

मध्य प्रदेश के शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में सीटें लगातार घटने से नाराज छात्राओं ने बुधवार को अपने परिजनों के साथ बालाघाट कलेक्टोरेट में प्रदर्शन किया। नर्सिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने की चाह रखने वाली छात्राओं ने मांग की कि सरकार उन्हें पढ़ने का मौका दे और तत्काल सीटों की संख्या बढ़ाए। 1350 से घटकर 515, प्राइवेट कॉलेजों को फायदा? छात्राओं का कहना है कि निजी कॉलेजों में नर्सिंग की पढ़ाई महंगी होने के कारण वे सरकारी कॉलेज में दाखिला लेना चाहती हैं, लेकिन सरकार लगातार सीटों की संख्या कम कर रही है, जिससे उन्हें प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। सीटों में भारी कटौती: छात्राओं ने बताया कि पिछले वर्ष 1350 सीटें थीं, जो इस साल घटाकर केवल 515 कर दी गई हैं। प्राइवेट कॉलेजों को प्रोत्साहन का आरोप: छात्र संदीप सोनगढ़े ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर प्राइवेट कॉलेजों की सीटें बढ़ाकर शासकीय कॉलेज की सीटें कम कर रही है, ताकि गरीब वर्ग के छात्र महंगी फीस के कारण पढ़ने से वंचित हो जाएं। दो साल से नर्सिंग की तैयारी कर रही छात्रा अंजलि किरार ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "हम अच्छे नंबर ला रहे हैं, अच्छी रैंक ला रहे हैं, लेकिन आज शासकीय कॉलेजों में सीटें कम होती जा रही हैं। 2024 में 1350 सीटें थीं, लेकिन आज केवल 515 हो गई हैं। हम पढ़ना चाहते हैं।" दो प्रमुख मांगें प्रशासन के सामने रखीं छात्राओं ने बताया कि वर्तमान में 22 शासकीय कॉलेजों के बावजूद चॉइस फिलिंग के लिए पोर्टल पर महज 8 कॉलेज ही दिखाए जा रहे हैं, जिससे उनके दाखिले की संभावना और भी कम हो गई है। छात्राओं ने सवाल उठाया कि पहले चार कॉलेज अलॉट किए गए थे, जिसके बाद चार और कॉलेज जोड़े गए, लेकिन सभी 22 कॉलेज क्यों नहीं दिखाए जा रहे हैं। प्रदर्शन कारियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि सरकार गरीब वर्ग से आने वाले बच्चों के भविष्य को देखते हुए न केवल सीटें बढ़ाए, बल्कि सभी 22 शासकीय कॉलेजों को MPPNST की साइट पर चॉइस फिलिंग के लिए तुरंत उपलब्ध कराए।

Oct 1, 2025 - 16:28
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सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में सीटें घटने से छात्राओं का प्रदर्शन:22 में से सिर्फ 8 कॉलेज चॉइस फिलिंग में, सीटें बढ़ाने की मांग
मध्य प्रदेश के शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में सीटें लगातार घटने से नाराज छात्राओं ने बुधवार को अपने परिजनों के साथ बालाघाट कलेक्टोरेट में प्रदर्शन किया। नर्सिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने की चाह रखने वाली छात्राओं ने मांग की कि सरकार उन्हें पढ़ने का मौका दे और तत्काल सीटों की संख्या बढ़ाए। 1350 से घटकर 515, प्राइवेट कॉलेजों को फायदा? छात्राओं का कहना है कि निजी कॉलेजों में नर्सिंग की पढ़ाई महंगी होने के कारण वे सरकारी कॉलेज में दाखिला लेना चाहती हैं, लेकिन सरकार लगातार सीटों की संख्या कम कर रही है, जिससे उन्हें प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। सीटों में भारी कटौती: छात्राओं ने बताया कि पिछले वर्ष 1350 सीटें थीं, जो इस साल घटाकर केवल 515 कर दी गई हैं। प्राइवेट कॉलेजों को प्रोत्साहन का आरोप: छात्र संदीप सोनगढ़े ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर प्राइवेट कॉलेजों की सीटें बढ़ाकर शासकीय कॉलेज की सीटें कम कर रही है, ताकि गरीब वर्ग के छात्र महंगी फीस के कारण पढ़ने से वंचित हो जाएं। दो साल से नर्सिंग की तैयारी कर रही छात्रा अंजलि किरार ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "हम अच्छे नंबर ला रहे हैं, अच्छी रैंक ला रहे हैं, लेकिन आज शासकीय कॉलेजों में सीटें कम होती जा रही हैं। 2024 में 1350 सीटें थीं, लेकिन आज केवल 515 हो गई हैं। हम पढ़ना चाहते हैं।" दो प्रमुख मांगें प्रशासन के सामने रखीं छात्राओं ने बताया कि वर्तमान में 22 शासकीय कॉलेजों के बावजूद चॉइस फिलिंग के लिए पोर्टल पर महज 8 कॉलेज ही दिखाए जा रहे हैं, जिससे उनके दाखिले की संभावना और भी कम हो गई है। छात्राओं ने सवाल उठाया कि पहले चार कॉलेज अलॉट किए गए थे, जिसके बाद चार और कॉलेज जोड़े गए, लेकिन सभी 22 कॉलेज क्यों नहीं दिखाए जा रहे हैं। प्रदर्शन कारियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि सरकार गरीब वर्ग से आने वाले बच्चों के भविष्य को देखते हुए न केवल सीटें बढ़ाए, बल्कि सभी 22 शासकीय कॉलेजों को MPPNST की साइट पर चॉइस फिलिंग के लिए तुरंत उपलब्ध कराए।