शहडोल में दो रिश्वतखोर कॉन्स्टेबल सस्पेंड:युवक-युवती का वीडियो बनाकर 3 लाख वसूले; शिकायत पर एसपी ने की कार्रवाई

शहडोल में दोनों आरक्षकों ने लगभग एक हफ्ते पहले एक युवक-युवती का आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर 3 लाख रुपए वसूले थे। मामले की शिकायत युवक और उसके परिजनों ने की दो दिन पहले एसपी से की थी। एसपी ने मामले की जांच करवाई की और दोनों आरक्षकों को दोषी पाते हुए शुक्रवार की रात निलंबित कर दिया। पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने मामला सामने आने के बाद यह कार्रवाई की। जानकारी के अनुसार, कोतवाली में पदस्थ आरक्षक पप्पू यादव और आलोक मिंज पांडवनगर बीट पर तैनात थे। उन्हें सूचना मिली थी कि पड़ोसी जिले का एक युवक किराए के मकान में एक युवती के साथ रह रहा है। तीन-चार दिन पहले दोनों आरक्षक मौके पर पहुंचे और कमरे में युवक-युवती को आपत्तिजनक स्थिति में पाया। उन्होंने अपने मोबाइल से उनका वीडियो बना लिया। ब्लैकमेल का डर दिखाकर 3 लाख लिए आरक्षकों ने वीडियो वायरल करने और मामला दर्ज करने की धमकी देकर युवक पर दबाव बनाया। उन्होंने वीडियो हटाने और कानूनी कार्रवाई रोकने के एवज में लगभग 3 लाख रुपए की मांग की। युवक ने डरकर अपने परिचितों से पैसे मंगवाए और आरक्षकों को दे दिए। हालांकि, यह मामला यहीं नहीं रुका। जब युवक के परिचितों को अचानक पैसों की मांग का कारण पता चला, तो उन्होंने उसे उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की सलाह दी। इसके बाद युवक ने सभी साक्ष्यों के साथ पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव से शिकायत दर्ज कराई। एसपी ने कार्रवाई करते हुए दोनों कॉन्स्टेबल को सस्पेंड किया शिकायत मिलने पर एसपी रामजी श्रीवास्तव ने दोनों आरक्षकों को बुलाया और उनसे गहन पूछताछ की। शुरुआत में दोनों ने मामले से अनभिज्ञता जताई, लेकिन जब एसपी ने घटना का पूरा विवरण और सबूत उनके सामने रखे, तो उन्होंने युवक को धमकाकर पैसे लेने की बात स्वीकार कर ली। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने तत्काल प्रभाव से दोनों आरक्षकों को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस मामले में विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शहडोल में दो रिश्वतखोर कॉन्स्टेबल सस्पेंड:युवक-युवती का वीडियो बनाकर 3 लाख वसूले; शिकायत पर एसपी ने की कार्रवाई
शहडोल में दोनों आरक्षकों ने लगभग एक हफ्ते पहले एक युवक-युवती का आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर 3 लाख रुपए वसूले थे। मामले की शिकायत युवक और उसके परिजनों ने की दो दिन पहले एसपी से की थी। एसपी ने मामले की जांच करवाई की और दोनों आरक्षकों को दोषी पाते हुए शुक्रवार की रात निलंबित कर दिया। पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने मामला सामने आने के बाद यह कार्रवाई की। जानकारी के अनुसार, कोतवाली में पदस्थ आरक्षक पप्पू यादव और आलोक मिंज पांडवनगर बीट पर तैनात थे। उन्हें सूचना मिली थी कि पड़ोसी जिले का एक युवक किराए के मकान में एक युवती के साथ रह रहा है। तीन-चार दिन पहले दोनों आरक्षक मौके पर पहुंचे और कमरे में युवक-युवती को आपत्तिजनक स्थिति में पाया। उन्होंने अपने मोबाइल से उनका वीडियो बना लिया। ब्लैकमेल का डर दिखाकर 3 लाख लिए आरक्षकों ने वीडियो वायरल करने और मामला दर्ज करने की धमकी देकर युवक पर दबाव बनाया। उन्होंने वीडियो हटाने और कानूनी कार्रवाई रोकने के एवज में लगभग 3 लाख रुपए की मांग की। युवक ने डरकर अपने परिचितों से पैसे मंगवाए और आरक्षकों को दे दिए। हालांकि, यह मामला यहीं नहीं रुका। जब युवक के परिचितों को अचानक पैसों की मांग का कारण पता चला, तो उन्होंने उसे उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की सलाह दी। इसके बाद युवक ने सभी साक्ष्यों के साथ पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव से शिकायत दर्ज कराई। एसपी ने कार्रवाई करते हुए दोनों कॉन्स्टेबल को सस्पेंड किया शिकायत मिलने पर एसपी रामजी श्रीवास्तव ने दोनों आरक्षकों को बुलाया और उनसे गहन पूछताछ की। शुरुआत में दोनों ने मामले से अनभिज्ञता जताई, लेकिन जब एसपी ने घटना का पूरा विवरण और सबूत उनके सामने रखे, तो उन्होंने युवक को धमकाकर पैसे लेने की बात स्वीकार कर ली। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने तत्काल प्रभाव से दोनों आरक्षकों को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस मामले में विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।