9 करोड़ के ट्रांजैक्शन का डर दिखा ठगे 50 लाख:CBI बनकर ठगी करने वाले गैंग की पोल खुली, 22 साल का खाता सप्लायर गिरफ्तार
9 करोड़ के ट्रांजैक्शन का डर दिखा ठगे 50 लाख:CBI बनकर ठगी करने वाले गैंग की पोल खुली, 22 साल का खाता सप्लायर गिरफ्तार
प्रयागराज साइबर क्राइम पुलिस ने 50 लाख रुपये की हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी का खुलासा किया है। इस मामले में एक अंतरराज्यीय गिरोह के खाते सप्लाई करने वाले सदस्य ध्रुव शुक्ला को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह खुद को सीबीआई/आरबीआई अधिकारी बताकर लोगों को ठगता था। गिरफ्तार आरोपी ध्रुव शुक्ला उर्फ हनू (22) कानपुर के परमठ, थाना ग्वालटोली का निवासी है। वर्तमान में वह अग्निहोत्री नगर मकड़ीखेड़ा, थाना कल्यानपुर, कानपुर में रह रहा था। पुलिस ने उसके पास से एक एंड्रॉयड मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड बरामद किए हैं।पुलिस का कहना है कि गैंग के अन्य सदस्यों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमों को भेजा गया है। ठगों ने शिकायतकर्ता को फोन कर खुद को सीबीआई अधिकारी बताया था। उन्होंने दावा किया कि शिकायतकर्ता के आधार नंबर से एक बैंक खाता खोला गया है, जिसमें 9 करोड़ 38 लाख रुपये का अवैध लेन-देन हुआ है। ठगों ने पीड़ित को झांसा दिया कि उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला दर्ज है और सीबीआई व आरबीआई संयुक्त रूप से जांच कर रही हैं। गिरफ्तारी का डर दिखाकर पीड़ित पर मानसिक दबाव बनाया गया, जिसके बाद उसने ठगों द्वारा बताए गए खातों में 50 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इन्हीं खातों में से 10 लाख रुपये आरोपी ध्रुव शुक्ला के बैंक खाते में भेजे गए थे। ध्रुव ने एटीएम और चेक के जरिए यह रकम निकालकर साइबर गैंग तक पहुंचाई। पुलिस पूछताछ में ध्रुव ने कबूल किया कि वह इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए साइबर ठगों से जुड़ा था। वह ठगी के लिए नए बैंक खाते उपलब्ध कराता था और पैसे आने पर खुद निकासी कर ठगों तक पहुंचाता था। हर लेनदेन पर उसे कमीशन मिलता था। पुलिस का कहना है कि गैंग के अन्य सदस्यों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमों को भेजा गया है। साइबर क्राइम थाना टीम की यह कार्रवाई शहर में बढ़ रहे डिजिटल फ्रॉड के खिलाफ बड़ी सफलता मानी जा रही है।
प्रयागराज साइबर क्राइम पुलिस ने 50 लाख रुपये की हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी का खुलासा किया है। इस मामले में एक अंतरराज्यीय गिरोह के खाते सप्लाई करने वाले सदस्य ध्रुव शुक्ला को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह खुद को सीबीआई/आरबीआई अधिकारी बताकर लोगों को ठगता था। गिरफ्तार आरोपी ध्रुव शुक्ला उर्फ हनू (22) कानपुर के परमठ, थाना ग्वालटोली का निवासी है। वर्तमान में वह अग्निहोत्री नगर मकड़ीखेड़ा, थाना कल्यानपुर, कानपुर में रह रहा था। पुलिस ने उसके पास से एक एंड्रॉयड मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड बरामद किए हैं।पुलिस का कहना है कि गैंग के अन्य सदस्यों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमों को भेजा गया है। ठगों ने शिकायतकर्ता को फोन कर खुद को सीबीआई अधिकारी बताया था। उन्होंने दावा किया कि शिकायतकर्ता के आधार नंबर से एक बैंक खाता खोला गया है, जिसमें 9 करोड़ 38 लाख रुपये का अवैध लेन-देन हुआ है। ठगों ने पीड़ित को झांसा दिया कि उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला दर्ज है और सीबीआई व आरबीआई संयुक्त रूप से जांच कर रही हैं। गिरफ्तारी का डर दिखाकर पीड़ित पर मानसिक दबाव बनाया गया, जिसके बाद उसने ठगों द्वारा बताए गए खातों में 50 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इन्हीं खातों में से 10 लाख रुपये आरोपी ध्रुव शुक्ला के बैंक खाते में भेजे गए थे। ध्रुव ने एटीएम और चेक के जरिए यह रकम निकालकर साइबर गैंग तक पहुंचाई। पुलिस पूछताछ में ध्रुव ने कबूल किया कि वह इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए साइबर ठगों से जुड़ा था। वह ठगी के लिए नए बैंक खाते उपलब्ध कराता था और पैसे आने पर खुद निकासी कर ठगों तक पहुंचाता था। हर लेनदेन पर उसे कमीशन मिलता था। पुलिस का कहना है कि गैंग के अन्य सदस्यों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमों को भेजा गया है। साइबर क्राइम थाना टीम की यह कार्रवाई शहर में बढ़ रहे डिजिटल फ्रॉड के खिलाफ बड़ी सफलता मानी जा रही है।