मुरैना में चंबल सफारी की शुरुआत:अब चंबल नदी सहित बीहड़ का आनंद उठा सकेंगे पर्यटक
मुरैना में चंबल सफारी की शुरुआत:अब चंबल नदी सहित बीहड़ का आनंद उठा सकेंगे पर्यटक
मुरैना में चंबल सफारी वोटिंग की शुरुआत हो चुकी है। दशहरा के दिन वन विभाग के देवरी गेम रेंज की रेंजर रिंकी आर्य ने फीता काटकर इसकी विधिवत शुरुआत की। बता दे कि, चंबल सफारी की शुरुआत पिछले साल ही की गई है। इसका उद्देश्य मुरैना जिले में पर्यटन को बढ़ावा देना है। चंबल सफारी की शुरुआत को लेकर जिला प्रशासन पहले से ही बहुत प्रयासरत रहा है। इसकी शुरुआत के समय पिछले वर्ष जिला प्रशासन द्वारा एक विशाल आयोजन किया गया था। इसके तहत मुरैना से जिला प्रशासन के अधिकारी एवं पर्यटकों को मुरैना के भरा घाट पर ले जाया गया था। यह घाट मुरैना के झुंडपुरा कस्बे से लगभग 4 किलोमीटर अंदर है। चंबल नदी के किनारे इस घाट पर बड़े ही टेढ़े-मेढ़े रास्तों से होकर जाया जाता है। बीहड़ के दर्रे बनाते रोमांचक चंबल सफारी में सबसे खास बात यह है कि यहां तक पहुंचाने के लिए बीहड़ के बीच से होकर जाना पड़ता है जो की बहुत ही रोमांचकारी होता है तथा पर्यटकों को रोमांचक करता है। दर्शक बीहड़ के इन ऊंचे नीचे तथा संकरे मार्गो को देखकर बेहद रोमांचक होते हैं। थार गाड़ियों से ले जाया जाता पर्यटकों को मुरैना शहर से चंबल सफारी तक पर्यटकों को थार गाड़ी से ले जाया जाता है। थार गाड़ी के पहिए बड़े होने के कारण कहीं फंसते नहीं है, इसके साथ ही थार गाड़ी का सफर पर्यटकों को रोमांचित भी करता है। वोटिंग का आनंद ले सकते पर्यटक चंबल सफारी के दौरान पर्यटक वोटिंग का आनंद ले सकते हैं। मुरैना के राजघाट पर पर्यटकों के लिए चंबल नदी के किनारे मोटर वोटो का इंतजाम किया गया है। इन मोटर वोटो से पर्यटकों को चंबल नदी की सैर कराई जाती है। उन्हें उन स्थानों पर ले जाया जाता है जहां वे पहले कभी नहीं गए। इंद्रलोक होटल में ठहरने की व्यवस्था चंबल सफारी के टूर में मुरैना के इंद्रलोक होटल में ठहरने की भी व्यवस्था की गई है। अगर कोई पर्यटक चाहे तो किसी दूसरे होटल में भी ठहर सकता है। पर्यटकों को होटल से ही थार गाड़ियों में ले जाया जाता है। इन सब की व्यवस्था एक निजी कंपनी द्वारा की जाती है। हालांकि चंबल सफारी की पूरी जिम्मेदारी चंबल अभ्यारण की होती है जिसमें जिला प्रशासन की मुख्य भूमिका रहती।
मुरैना में चंबल सफारी वोटिंग की शुरुआत हो चुकी है। दशहरा के दिन वन विभाग के देवरी गेम रेंज की रेंजर रिंकी आर्य ने फीता काटकर इसकी विधिवत शुरुआत की। बता दे कि, चंबल सफारी की शुरुआत पिछले साल ही की गई है। इसका उद्देश्य मुरैना जिले में पर्यटन को बढ़ावा देना है। चंबल सफारी की शुरुआत को लेकर जिला प्रशासन पहले से ही बहुत प्रयासरत रहा है। इसकी शुरुआत के समय पिछले वर्ष जिला प्रशासन द्वारा एक विशाल आयोजन किया गया था। इसके तहत मुरैना से जिला प्रशासन के अधिकारी एवं पर्यटकों को मुरैना के भरा घाट पर ले जाया गया था। यह घाट मुरैना के झुंडपुरा कस्बे से लगभग 4 किलोमीटर अंदर है। चंबल नदी के किनारे इस घाट पर बड़े ही टेढ़े-मेढ़े रास्तों से होकर जाया जाता है। बीहड़ के दर्रे बनाते रोमांचक चंबल सफारी में सबसे खास बात यह है कि यहां तक पहुंचाने के लिए बीहड़ के बीच से होकर जाना पड़ता है जो की बहुत ही रोमांचकारी होता है तथा पर्यटकों को रोमांचक करता है। दर्शक बीहड़ के इन ऊंचे नीचे तथा संकरे मार्गो को देखकर बेहद रोमांचक होते हैं। थार गाड़ियों से ले जाया जाता पर्यटकों को मुरैना शहर से चंबल सफारी तक पर्यटकों को थार गाड़ी से ले जाया जाता है। थार गाड़ी के पहिए बड़े होने के कारण कहीं फंसते नहीं है, इसके साथ ही थार गाड़ी का सफर पर्यटकों को रोमांचित भी करता है। वोटिंग का आनंद ले सकते पर्यटक चंबल सफारी के दौरान पर्यटक वोटिंग का आनंद ले सकते हैं। मुरैना के राजघाट पर पर्यटकों के लिए चंबल नदी के किनारे मोटर वोटो का इंतजाम किया गया है। इन मोटर वोटो से पर्यटकों को चंबल नदी की सैर कराई जाती है। उन्हें उन स्थानों पर ले जाया जाता है जहां वे पहले कभी नहीं गए। इंद्रलोक होटल में ठहरने की व्यवस्था चंबल सफारी के टूर में मुरैना के इंद्रलोक होटल में ठहरने की भी व्यवस्था की गई है। अगर कोई पर्यटक चाहे तो किसी दूसरे होटल में भी ठहर सकता है। पर्यटकों को होटल से ही थार गाड़ियों में ले जाया जाता है। इन सब की व्यवस्था एक निजी कंपनी द्वारा की जाती है। हालांकि चंबल सफारी की पूरी जिम्मेदारी चंबल अभ्यारण की होती है जिसमें जिला प्रशासन की मुख्य भूमिका रहती।