ग्वालियर में कोर्ट के आदेश पर पूर्व बैंक-मैनेजर पर FIR:बंधक प्रॉपर्टी पर दोबारा लोन लेने का आरोप, प्राइवेट कंपनी के डायरेक्टर भी इसमें शामिल
ग्वालियर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के पूर्व मैनेजर और जैतल कंस्ट्रक्शन कंपनी के एक डायरेक्टर पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि दोनों ने मिलीभगत कर पहले से बंधक रखी गई प्रॉपर्टी पर दोबारा लोन ले लिया। मामला अक्टूबर 2016 का है, जब जैतल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एक प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर एसबीआई की सिटी सेंटर शाखा से कुछ लाख रुपए का लोन लिया था। इसके बाद, कंपनी के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने उसी प्रॉपर्टी पर बैंक मैनेजर की मदद से 11.74 लाख रुपए का दूसरा लोन भी ले लिया। कंपनी के दूसरे डायरेक्टर भूपेश कुमार वर्मा को इस धोखाधड़ी की जानकारी लगभग आठ साल बाद मिली, जब उन्होंने प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेजों की जांच की। उन्हें पता चला कि संपत्ति अभी भी बैंक के पास बंधक है और वहां बाहर बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है कि यह संपत्ति एसबीआई की है। कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज भूपेश वर्मा ने इस मामले की शिकायत झांसी रोड थाने में की थी। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न होने पर वो न्यायालय पहुंचे। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने करीब सवा साल बाद वीरेंद्र कुमार गुप्ता और एसबीआई के तत्कालीन बैंक मैनेजर के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों के जरिए षड्यंत्रपूर्वक धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया। दोनों आरोपी फरार जैतल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय हरीशंकरपुरम में स्थित है, जबकि भूपेश कुमार वर्मा न्यू कॉलोनी नंबर 2, बिरला नगर के निवासी हैं। फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश कर रही है और मामले की जांच जारी है।
ग्वालियर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के पूर्व मैनेजर और जैतल कंस्ट्रक्शन कंपनी के एक डायरेक्टर पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि दोनों ने मिलीभगत कर पहले से बंधक रखी गई प्रॉपर्टी पर दोबारा लोन ले लिया। मामला अक्टूबर 2016 का है, जब जैतल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एक प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर एसबीआई की सिटी सेंटर शाखा से कुछ लाख रुपए का लोन लिया था। इसके बाद, कंपनी के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने उसी प्रॉपर्टी पर बैंक मैनेजर की मदद से 11.74 लाख रुपए का दूसरा लोन भी ले लिया। कंपनी के दूसरे डायरेक्टर भूपेश कुमार वर्मा को इस धोखाधड़ी की जानकारी लगभग आठ साल बाद मिली, जब उन्होंने प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेजों की जांच की। उन्हें पता चला कि संपत्ति अभी भी बैंक के पास बंधक है और वहां बाहर बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है कि यह संपत्ति एसबीआई की है। कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज भूपेश वर्मा ने इस मामले की शिकायत झांसी रोड थाने में की थी। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न होने पर वो न्यायालय पहुंचे। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने करीब सवा साल बाद वीरेंद्र कुमार गुप्ता और एसबीआई के तत्कालीन बैंक मैनेजर के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों के जरिए षड्यंत्रपूर्वक धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया। दोनों आरोपी फरार जैतल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय हरीशंकरपुरम में स्थित है, जबकि भूपेश कुमार वर्मा न्यू कॉलोनी नंबर 2, बिरला नगर के निवासी हैं। फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश कर रही है और मामले की जांच जारी है।