बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कैमरा ट्रैप दल गठित:बाघ गणना के लिए 27 फील्ड स्टाफ को दी गई ट्रेनिंग
उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अखिल भारतीय बाघ आकलन 2026 की तैयारी के तहत एक खास कैमरा ट्रैप प्रशिक्षण हुआ। यह प्रशिक्षण इको सेंटर ताला में हुआ, जिसमें बांधवगढ़ के नौ परिक्षेत्रों से चुने गए 27 फील्ड स्टाफ (प्रत्येक परिक्षेत्र से तीन कर्मचारी) को प्रशिक्षित किया गया। यह गठित दल आगामी आकलन में कैमरा ट्रैप लगाएगा प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य स्टाफ को कैमरा ट्रैप को निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार सही ढंग से स्थापित करने में सक्षम बनाना था। क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय ने बताया कि यह गठित दल आगामी आकलन में बांधवगढ़, शहडोल वनवृत्त और अन्य सभी परिक्षेत्रों में कैमरा ट्रैप लगाने का कार्य करेगा। इससे मिले डेटा के आधार पर बाघों और अन्य वन्यप्राणियों की सटीक गणना संभव हो सकेगी। इस पहल का लक्ष्य बांधवगढ़ लैंडस्केप को बाघ संख्या में अग्रणी बनाना और मध्य प्रदेश को एक बार फिर 'टाइगर स्टेट' का दर्जा दिलाना है। यह विशेष प्रशिक्षण उपसंचालक प्रकाश कुमार वर्मा और मास्टर ट्रेनर महावीर पांडेय (वन परिक्षेत्र अधिकारी, कल्लावाह), कमलेश नंदा, मोहित खटीक, उमंग उपाध्याय और धीरेन्द्र शुक्ला (सभी वन रक्षक) ने प्रशिक्षण प्रदान किया।
उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अखिल भारतीय बाघ आकलन 2026 की तैयारी के तहत एक खास कैमरा ट्रैप प्रशिक्षण हुआ। यह प्रशिक्षण इको सेंटर ताला में हुआ, जिसमें बांधवगढ़ के नौ परिक्षेत्रों से चुने गए 27 फील्ड स्टाफ (प्रत्येक परिक्षेत्र से तीन कर्मचारी) को प्रशिक्षित किया गया। यह गठित दल आगामी आकलन में कैमरा ट्रैप लगाएगा प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य स्टाफ को कैमरा ट्रैप को निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार सही ढंग से स्थापित करने में सक्षम बनाना था। क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय ने बताया कि यह गठित दल आगामी आकलन में बांधवगढ़, शहडोल वनवृत्त और अन्य सभी परिक्षेत्रों में कैमरा ट्रैप लगाने का कार्य करेगा। इससे मिले डेटा के आधार पर बाघों और अन्य वन्यप्राणियों की सटीक गणना संभव हो सकेगी। इस पहल का लक्ष्य बांधवगढ़ लैंडस्केप को बाघ संख्या में अग्रणी बनाना और मध्य प्रदेश को एक बार फिर 'टाइगर स्टेट' का दर्जा दिलाना है। यह विशेष प्रशिक्षण उपसंचालक प्रकाश कुमार वर्मा और मास्टर ट्रेनर महावीर पांडेय (वन परिक्षेत्र अधिकारी, कल्लावाह), कमलेश नंदा, मोहित खटीक, उमंग उपाध्याय और धीरेन्द्र शुक्ला (सभी वन रक्षक) ने प्रशिक्षण प्रदान किया।